दीपोत्सव 2025 में अयोध्या भक्ति और उल्लास से रोशन हुई। युवाओं ने जय श्रीराम के साथ “योगी योगी” के नारे लगाए। अवध विश्वविद्यालय के छात्रों ने कहा—योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का गौरव और सनातन संस्कृति फिर जीवित हुई।

अयोध्या। दीपोत्सव 2025 में अयोध्या पूरी तरह भक्ति और उल्लास से जगमगा उठी। राम की पैड़ी और सरयू घाट पर युवाओं और वालंटियर्स ने जय श्रीराम के साथ “योगी योगी” के नारे लगाए। सबका कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे आइकॉन हैं। उन्होंने न सिर्फ अयोध्या का गौरव बढ़ाया है, बल्कि युवाओं के दिलों में विशेष स्थान बनाया है।

राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के को-ऑर्डिनेटर्स और छात्र-छात्राओं ने भी दीपोत्सव की भव्यता और मुख्यमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अयोध्या का सम्मान और संस्कृति फिर से जीवित हुई है।

महिला प्रोफेसर्स ने बनाई स्वास्तिक आकृति, श्रद्धालु हुए भावविभोर

अवध विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर डॉ. सरिता द्विवेदी (रंगोली प्रमुख) के नेतृत्व में राम की पैड़ी पर पारंपरिक चौक पूरन शैली में सुंदर स्वास्तिक आकृति बनाई गई। प्रोफेसर्स और छात्रों ने मिलकर दीपों से सजी कई कलात्मक रचनाएँ तैयार कीं। इन आकर्षक कलाकृतियों ने दीपोत्सव की सुंदरता को और बढ़ा दिया। श्रद्धालुओं ने इन रचनाओं की जमकर सराहना की और फोटो खिंचवाने के लिए भीड़ लग गई।

संस्कृत विद्यार्थियों ने कहा- योगी जी ने मजबूत किया सनातन

संस्कृत में एमए कर रहे करन पांडे, जो अयोध्या के गुरुकुल में अध्ययनरत हैं, ने कहा कि इस बार दीपोत्सव पहले से कहीं ज्यादा भव्य है। उन्होंने कहा, “अयोध्या अब सचमुच स्वर्ग जैसी लग रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारा सनातन धर्म लगातार मजबूत हो रहा है। हमें गर्व है कि योगी जी ने रामकथा पार्क में आकर हमारे उत्साह को दोगुना कर दिया।”

अवध विश्वविद्यालय के छात्रों में उत्साह, बोले- बदल गई अयोध्या की तस्वीर

सुल्तानपुर से पढ़ाई करने आए छात्र आशुतोष सिंह ने बताया कि योगी सरकार के आने के बाद अयोध्या की पूरी तस्वीर बदल गई है। उन्होंने कहा, “दीपोत्सव अब सिर्फ एक भक्ति पर्व नहीं, बल्कि अयोध्या की पहचान बन चुका है। इस आयोजन से हर युवा को गर्व महसूस होता है।” आशुतोष अपने परिवार के साथ दीपोत्सव का नजारा देखने पहुंचे और कहा कि यह आयोजन अयोध्या की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण है।

वालंटियर्स ने दिखाई अनुशासन और समर्पण की मिसाल

राम की पैड़ी और सरयू घाट पर तैनात वालंटियर्स ने दीपोत्सव की व्यवस्था को अनुशासन और समर्पण के साथ संभाला। युवाओं ने सेवा भावना और संगठन क्षमता की अद्भुत मिसाल पेश की। हर कोने में जय श्रीराम के नारे, दीपों की लंबी कतारें और युवाओं का उत्साह अयोध्या को भक्ति, ऊर्जा और गौरव के संगम में बदल रहा था। दीपोत्सव 2025 ने यह साबित कर दिया कि आज की युवा पीढ़ी भी अपनी संस्कृति, परंपरा और धर्म के प्रति गहराई से जुड़ी है।

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