सार
गाजियाबाद. माता-पिता द्वारा झाड़ियों में फेंक दी गई एक नवजात बच्ची को एक पुलिस इंस्पेक्टर ने गोद लेकर मानवता की मिसाल पेश की है। यह घटना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की है। एक नवजात बच्ची को उसके माता-पिता ने जन्म के तुरंत बाद झाड़ियों में फेंक दिया था। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया।
झाड़ियों में पड़ी बच्ची, नहीं लगा असली मां-बाप का पता
सब-इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र सिंह के नेतृत्व में गाजियाबाद के दुधिया पीपल पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्ची को बचाया। बच्ची को तुरंत दसना के सामुदायिक अस्पताल में जांच के लिए ले जाया गया। इस दौरान बच्ची के माता-पिता का पता लगाने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, कोई भी बच्ची को अपना बताने के लिए तैयार नहीं था।
नवरात्रि का टाइम और सब-इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने लिया बड़ा फैसला
ऐसे में स्थिति को देखते हुए सब-इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र सिंह और उनकी पत्नी राशि ने इस बच्ची को गोद लेने का फैसला किया। दोनों ने इस बारे में आपस में विचार-विमर्श किया, फिर बच्ची को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी। इंस्पेक्टर पुष्पेंद्र सिंह और उनकी पत्नी राशि खन्ना की शादी 2018 में हुई थी, उनके कोई बच्चे नहीं थे, लेकिन नवरात्रि के दौरान उन्हें यह बच्ची मिली। दंपति ने बच्ची के आगमन को ईश्वर का आशीर्वाद बताया है।
अनाथ बच्ची को मिला नया जीवन
इंस्पेक्टर अंकित चौहान ने पुष्टि की है कि दंपति ने गोद लेने की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। फिलहाल बच्ची पुष्पेंद्र सिंह दंपति की देखरेख में है। पुष्पेंद्र और उनकी पत्नी बच्ची को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वे इसे आधिकारिक तौर पर अपनी बच्ची बताने के लिए उत्साहित हैं। इस तरह माता-पिता द्वारा छोड़ी गई बच्ची को अब एक सुंदर जीवन मिला है। पुष्पेंद्र सिंह के इस काम की काफी सराहना हो रही है।