CM Yogi Adityanath ने गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के पहले हरित हाइड्रोजन संयंत्र का शुभारंभ किया। यह संयंत्र CNG व PNG के साथ ग्रीन हाइड्रोजन मिलाकर स्वच्छ ईंधन देगा और यूपी को ग्रीन एनर्जी हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। जानिए खासियत…

UP First Green Hydrogen Plant Gorakhpur: उत्तर प्रदेश अब स्वच्छ ऊर्जा क्रांति की नई इबारत लिखने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर जिले के खानिमपुर गांव में उत्तर प्रदेश का पहला और देश का दूसरा हरित हाइड्रोजन संयंत्र (Green Hydrogen Plant in Gorakhpur) का शुभारंभ किया।

हरित हाइड्रोजन क्या है और क्यों है भविष्य की ऊर्जा?

हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) को पानी को बिजली से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके तैयार किया जाता है। यहाँ बिजली नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) स्रोतों से आती है, जिससे जीवाश्म ईंधनों का कोई उपयोग नहीं होता। इसी कारण इसे “ग्रीन” कहा जाता है। यह न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा बल्कि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों में भी कमी लाएगा।

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गोरखपुर ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की खासियतें

  • यह संयंत्र घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए CNG और PNG में हरित हाइड्रोजन मिलाकर ईंधन को और स्वच्छ बनाएगा।
  • यह परियोजना भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा (Clean Energy Transition in India) में मील का पत्थर है।
  • मुख्यमंत्री ने इसे “भविष्य की ऊर्जा” बताया और कहा कि आने वाले समय में यह मोबाइल फोन की तरह सभी के लिए सुलभ हो जाएगी। गोरखपुर में

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क्या उत्तर प्रदेश ग्रीन एनर्जी का हब बनेगा?

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्रचुर जल संसाधन हैं और यहां Green Hydrogen Production Hub बनने की पूरी क्षमता है। उन्होंने LED Street Lights जैसी पिछली सफल पहलों का उल्लेख किया, जिससे बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आई थी।

पर्यावरण और स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर

मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि प्रकृति का अंधाधुंध दोहन, रसायनों और कीटनाशकों का अधिक प्रयोग, और वनों की कटाई ने जलवायु परिवर्तन को बढ़ाया है। परिणामस्वरूप अनियमित वर्षा, कैंसर और यकृत रोग जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। हरित ऊर्जा और प्राकृतिक खेती को अपनाना ही स्थायी भविष्य (Sustainable Future) की दिशा में सही कदम है।

गोरखपुर में ऊर्जा क्रांति की शुरुआत

सांसद रवि किशन ने इस परियोजना को "Game-Changer" बताते हुए कहा कि यह गोरखपुर में ऊर्जा क्रांति की शुरुआत है। वहीं विधायक प्रदीप शुक्ला ने इसे 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रुद्राक्ष का पौधा भी लगाया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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