Kanpur outer ring road project के तहत ग्रेटर कानपुर बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। करीब 9884 एकड़ में फैले इस नए शहर में आवास, उद्योग, स्मार्ट सुविधाएं और रोजगार के अवसर विकसित किए जाएंगे, जिससे कानपुर को नया अर्बन इंजन मिलेगा।
Greater Kanpur development: लखनऊ और नोएडा की तर्ज पर अब कानपुर को भी एक नया पहचान मिलने जा रही है। शहर की बढ़ती आबादी और यातायात की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ‘ग्रेटर कानपुर’ नाम से एक नियोजित शहर बसाने की योजना पर काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यह परियोजना न सिर्फ शहर का विस्तार होगी, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश के स्मार्ट और सस्टेनेबल शहरी मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।
क्यों जरूरी हुआ ग्रेटर कानपुर?
कानपुर लगातार जनसंख्या और वाहनों के बोझ से जूझ रहा है। हर रोज़ लगने वाले जाम, लैंड बैंक की कमी और अव्यवस्थित विकास ने प्रशासन को एक वैकल्पिक समाधान तलाशने के लिए मजबूर किया। ऐसे में आउटर रिंग रोड के किनारे करीब 9884 एकड़ में फैले नए शहर ‘ग्रेटर कानपुर’ की कल्पना की गई है, जो न सिर्फ आवासीय बल्कि औद्योगिक विकास का भी केंद्र होगा।
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कहां बसाया जाएगा यह नया शहर?
ग्रेटर कानपुर की योजना भौंती बाईपास से पांच किलोमीटर और भीमसेन रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर की दूरी पर बनाई जा रही है। जिन गांवों की जमीन इस योजना में चिन्हित की गई है, उनमें सेन पश्चिम पारा, गोपालपुर, कैथा, डांडे का पुरवा, पतेहुरी, दुर्जनपुर और इटारा जैसे गांव शामिल हैं। यह इलाका दक्षिण और पश्चिम कानपुर के बीच स्थित है, जिससे भविष्य में शहर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
क्या-क्या सुविधाएं होंगी ग्रेटर कानपुर में?
- योजना के तहत EV हब, मेडिसिटी, MSME पार्क, मल्टी स्टोरी ग्रुप हाउसिंग और पॉश सोसायटीज़ विकसित की जाएंगी।
- ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के लिए छोटे प्लॉट
- एमआईजी और एचआईजी वर्ग के लिए आधुनिक सुविधाओं वाली रिहायशी सोसाइटियाँ
- स्कूल, हॉस्पिटल, मॉल, चौड़ी सड़कें और अर्बन ट्रांसपोर्ट नेटवर्क से भरपूर इंफ्रास्ट्रक्चर यह सब मिलकर इस शहर को एक पूरी तरह से नियोजित और सुविधा-सम्पन्न नगरी बनाएगा।
कौन कर रहा है प्लानिंग?
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) इस पूरे प्रोजेक्ट को लीड कर रहा है। अभी तक करीब 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में गूगल मैपिंग का कार्य चल रहा है, जिसके आधार पर तय किया जाएगा कि कहां आवासीय और वाणिज्यिक ज़ोन बनेंगे। यह भी देखा जा रहा है कि क्या योजना का क्षेत्रफल और बढ़ाया जा सकता है।
रोजगार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
इस शहर में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल पार्क और आर्थिक जोन के ज़रिए युवाओं को न सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि यह इलाका नए निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है। इससे कानपुर एक बार फिर औद्योगिक राजधानी के रूप में अपनी साख मजबूत कर सकेगा।
तीन नए पार्क और हरी-भरी योजना
ग्रेटर कानपुर के आसपास तीन नए पार्क भी विकसित करने की योजना है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन और सार्वजनिक उपयोग की भूमि को प्राथमिकता दी जाएगी। यह प्रयास इस शहरी मॉडल को अधिक टिकाऊ और रहने योग्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
फिलहाल यह योजना शुरुआती चरण में है। केडीए प्रस्ताव तैयार कर रहा है जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। अगर स्वीकृति मिलती है, तो आने वाले वर्षों में यह प्रोजेक्ट न सिर्फ कानपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के विकास को नई दिशा दे सकता है।
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