सार

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज फिर से ASI (Archaeological survey of india) ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कर रहा है। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है।

वाराणसी। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा गुरुवार को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद ASI (Archaeological survey of india) आज फिर से ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कर रहा है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट का ऑर्डर लागू होगा। हिंदू पक्ष द्वारा दायर की गई याचिका पर वाराणसी कोर्ट ने ASI से ज्ञानवापी मस्जिद का साइंटिफिक सर्वे कराने का आदेश दिया था। आइए जानते हैं क्या है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और मुस्लिम पक्ष को सर्वे से क्यों परेशानी है।

क्या है ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद?

कुछ हिंदू महिलाओं ने 5 अगस्त 2021 को वाराणसी कोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्होंने अपनी अर्जी में गुहार लगाई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर समेत कई विग्रहों में पूजा करने की अनुमति दी जाए। याचिका पर कोर्ट ने सर्वे करने की अनुमति दी थी। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है। मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। वजुखाना से पानी निकाला गया तो उसमें शिवलिंग मिला। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था।

क्या होगा शिवलिंग और वजुखाना का सर्वे?
शिवलिंग और वजुखाना का सर्वे नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिवलिंग और वजुखाना के सर्वे पर रोक लगाई गई है। इसे देखते हुए वाराणसी कोर्ट ने 21 जुलाई को दिए सर्वे के अपने आदेश में कहा था कि शिवलिंग और वजुखाना को छोड़कर बाकी हिस्सों का सर्वे किया जाएगा।

सर्वे से क्या होगा लाभ?
हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मंदिर है। पहले यह मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद है। हिंदू पक्ष सर्वे चाहता है ताकि यह पता चल सके कि ज्ञानवापी मस्जिद था या नहीं। ASI द्वारा किए जा रहे वैज्ञानिक सर्वे से ज्ञानवापी की सच्चाई सामने आएगी। यह पता चलेगा कि यह पहले मंदिर था या नहीं।

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मुस्लिम पक्ष क्यों कर रहा सर्वे का विरोध?
मुस्लिम पक्ष द्वारा ज्ञानवापी का ASI से सर्वे कराने का विरोध किया जा रहा है। वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद 24 जुलाई को सर्वे शुरू हुआ तो मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उसी दिन सर्वे पर रोक लगा दी और मामले को हाईकोर्ट भेज दिया। हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के आदेश को लागू करने का ऑर्डर दिया है। जिसके बाद आज सर्वे हो रहा है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। मुस्लिम पक्ष द्वारा यह कहकर सर्वे का विरोध किया जा रहा है कि इससे मुस्लिम से ढांचे को नुकसान होगा। वहां खुदाई की जाएगी।