सार
गृहिणी संगीता पांडे ने मात्र 1500 रुपये से मिठाई के डिब्बे बनाने का व्यवसाय शुरू किया था, जो आज 3 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है। संगीता आज सौ से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार दे रही हैं।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले की संगीता पांडे ने मात्र 1,500 रुपये से शुरू किया गया व्यवसाय आज 3 करोड़ की कंपनी बन गया है। एक साधारण परिवार की गृहिणी संगीता पांडे आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए संगीता एक सफल उद्यमी बनकर, अपने जैसी दूसरी महिलाओं को भी रोज़गार दे रही हैं। आइए जानते हैं संगीता पांडे कौन हैं और उन्होंने कौन सा व्यवसाय शुरू किया।
गोरखपुर के एक साधारण परिवार की महिला संगीता पांडे का जीवन हमेशा आर्थिक संघर्षों से भरा रहा। जीवन के हर मोड़ पर चुनौतियों का सामना करती रहीं संगीता पांडे ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। 10 साल पहले संगीता के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब थी। बाहर काम करने का सोचा तो छोटे बच्चों की ज़िम्मेदारी आड़े आ रही थी। इसलिए घर बैठे कुछ करने का विचार आया, तो मिठाई के डिब्बे बनाने का काम सूझा।
10 साल पहले मात्र 1,500 रुपये लगाकर उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया। दुकानों से डिब्बे बनाने का कच्चा माल ख़ुद साइकिल पर लाती थीं। फिर डिब्बे बनाकर साइकिल पर ही जाकर उन्हें पहुँचाती थीं। संगीता पांडे ने कई चुनौतियों और आलोचनाओं का सामना किया। लेकिन बिना हिम्मत हारे संगीता पांडे आज तीन करोड़ की कंपनी की मालकिन हैं।
संगीता पांडे ने पहले दिन 100 डिब्बे बनाकर बेचे। फिर ग्राहकों का विश्वास जीतने के लिए माँग के अनुसार डिब्बों के डिज़ाइन और क्वालिटी में बदलाव किया। इस दौरान उन्हें कई बार नुकसान भी हुआ। आख़िरकार लखनऊ से कच्चा माल मँगवाने पर डिब्बों की गुणवत्ता बेहतर हुई और मुनाफ़ा भी बढ़ा। धीरे-धीरे उन्होंने अपना कारोबार बढ़ाया। आगे चलकर 35 लाख रुपये का कर्ज़ लेकर उन्होंने फ़ैक्ट्री शुरू की और उत्पादन बढ़ाया। आज वह डिब्बे बनाने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करती हैं। इस बार दिवाली के लिए वह गोबर से बने ख़ास जैविक दीये तैयार कर रही हैं। उन्होंने 100 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार भी दिया है।