Indian Navy Day 2025 : नौसेना दिवस पर वाराणसी के इनोवेटर श्याम चौरसिया के मार्ग दर्शन में गोरखपुर के छात्रों ने एक अनोखा AI मानव रहित वोट बनाया है। जो 3 किलोमीटर के रेंज में दुश्मनों को जवाब देगा। 

Indian Navy Day 2025 : नौसेना दिवस दिवस पर वाराणसी के इनोवेटर श्याम चौरसिया के मार्गदर्शन में आईटीएम गिड़ा के छात्रों ने नौसेना के लिए मानव रहित AI फोल्डिंग नाव बनाया है। जो पलक झपकते ही नाव पानी के सतह पर रिमोट और इंटरनेट के माध्यम से दुश्मनों को निशाना बना सकता है l छात्रों ने बताया कि 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कराची हार्बर पर भारतीय नौसेना द्वारा किए गए सफल हमले "ऑपरेशन ट्राइडेंट" की याद में मनाया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम लोगो ने इस मानव रहित नाव को तैयार किया है l

मोहम्मद फैज़ल, मुहम्मद साकिब ने AI मानवरहित नाव बनाया

आईटीएम गिड़ा बीटेक और बीसीए सेकण्ड ईयर के छात्र अश्विनी कुमार उपाध्याय, मोहम्मद फैज़ल, भाग्यश्री पांडे, और मुहम्मद साकिब ने वाराणसी के जूनियर साइंटिस्ट के नाम से फेमस श्याम चौरसिया के देखरेख में भारतीय नौ सेना के लिए मानव रहित एक फोल्डिंग नाव बनाया है। जो आधुनिक दौर में AI युक्त है। भाग्यश्री ने बताया नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम लोगो ने इस मानव रहित नाव को तैयार किया है। इस नाव को पानी की सतह पर रिमोट और5 इंटरनेट की मदद से संचालित कर हमारे नौ सेना के जवान दूर भेज कर दुश्मनों पर गोलाबारी करने के साथ समुद्री लहरों पर दुश्मनों पर नजर रख सकेंगे l

तीन किलोमीटर तक दुश्मनों पर रखेगा नजर

मोहम्मद फैज़ल ने बताया इस नाव को अपने से 3 किलोमीटर दूर भेजकर दुश्मनों पर नजर रखने के साथ रिमोट से गोलियों भी दाग सकते नहै। इसमें लगे कैमरे से जवान दुश्मनों की नजर में आए बिना दुश्मन को उस पर कार्रवाई कर जवाब दें सकेंगे l छात्र अश्वनी ने बताया इस उपकरण की मदद से समुद्री लहरों पर हमारे जवानों के जानमाल का नुकसान कम होगा और दुश्मनो को मुंहतोड़ जवाब भी दिया जा सकता है। संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने छात्रों के नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा छात्रों की नई तकनीकी सोच से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। हमारे छात्रों द्वारा बनाया गया मानव रहित नाव समुद्री तटों पर देश के जवानों की सुरक्षा के लिए एक अच्छी पहल है। छात्र मोहमद साकिब ने बताया इसे बनाने में 60 दिन का समय लगा है, लगभग 60 हजार रूपये का खर्च आया है l इसे बनाने में हमने 8 फिट एयर बोट, कैमरा, इलेक्ट्रिक गन, रेडिओ रिमोट ट्रांसमीटर और रिसिवर का इस्तेमाल कर तैयार किया है l

एपीजी अब्दुल कलाम से मिली प्रेरणा

वाराणसी के श्याम चौरसिया का मुलाकात मिसाइल मैन एवं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल हुआ था। कलाम से मिलने के बाद श्याम के अंदर नए-नए इनोवेशन करने की प्रेरणा मिली। वह लगातार इनोवेशन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वह वाराणसी के कई कॉलेज में छात्रों को इनोवेशन के माध्यम से आगे लाने का भी काम किए है। इस दौरान कई आविष्कार किए गए। श्याम पिछले तीन सालों से आईटीएम गिड़ा के इन्नोवेशन सेंटर में गाइड के रूप में काम कर रहे हैं। श्याम चौरसिया ने बताया कि यहां बच्चों में काफी प्रतिभा है, जो इन्वेंशन करने के लिए काफी आगे रहते हैं, यहां के छात्रों ने कड़ी मेहनत के बाद इसे बनाया है, यह एक प्रोटोटाइप मॉडल है। इसमें सरकार मदद करती है तो इसे और अच्छा बनाया जा सकता है।

वीडियो में देखिए AI नाव कैसे करती है काम