UP Crime News: जालौन में सनसनी! पूर्व विधायक रामप्रसाद अहिरवार व अजय सिंह पर कर्मचारी जितेंद्र की पिटाई से मौत का गंभीर आरोप, पोस्टमॉर्टम में 5 घातक चोटें उजागर, FIR दर्ज, 3 हिरासत में, सियासी गलियारों में मचा ज़बरदस्त हड़कंप।
UP Jalaun Murder Case: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में एक कर्मचारी की बर्बर पिटाई से मौत के मामले ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस केस में कांग्रेस के पूर्व विधायक रामप्रसाद अहिरवार (Former MLA Ramprasad Ahirwar) और बसपा के पूर्व विधायक अजय सिंह (BSP Ex MLA Ajay Singh) सहित 6 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
आखिर क्या हुआ उस रात जब कर्मचारी की मौत हो गई?
जालौन में कांग्रेस के पूर्व विधायक रामप्रसाद अहिरवार और बसपा के पूर्व विधायक रहे उनके बेटे अजय सिंह के आवास पर काम करने वाले जितेंद्र नामक कर्मचारी के साथ बर्बरता का आरोप लगा है। बताया जाता है कि उसे इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसकी हालत मरणासन्न हो गई। शनिवार रात, कुछ अज्ञात लोग जितेंद्र को कार में डालकर कोंच के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में छोड़ गए और स्ट्रेचर पर लिटाकर वहां से भाग निकले। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को गुमराह करते हुए कहा कि जितेंद्र सड़क हादसे का शिकार हुआ है।
पोस्टमॉर्टम ने खोली सच्चाई की परतें
Postmortem Report के अनुसार, जितेंद्र के शरीर पर पांच गंभीर चोटों के निशान पाए गए, जो छाती से लेकर सिर तक थे। उसकी दोनों आंखें, जबड़ा और छाती बुरी तरह क्षतिग्रस्त थीं। मौत का कारण "शॉक एंड हेमरेज एंटी-मॉर्टम इंजरी" बताया गया है, जो साफ करता है कि यह मौत सड़क हादसे से नहीं बल्कि जानबूझकर की गई मारपीट से हुई है।
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FIR में किन-किन का है नाम?
मृतक के बेटे नितिन कुमार ने सीधी उंगली पूर्व विधायक रामप्रसाद अहिरवार, अजय सिंह, अजय के बेटों अमन सिंह (निक्की), राजा और अमित के साथ एक अज्ञात व्यक्ति की ओर उठाई है। FIR में गैर इरादतन हत्या (IPC 304) का मामला दर्ज किया गया है। नितिन का कहना है कि उनके पिता को मारपीट के बाद घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन परिवार को झूठी कहानी सुनाई गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस कार्रवाई-कितनी तेज और कितनी सटीक?
CO परमेश्वर प्रसाद के अनुसार, पुलिस ने 5 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। हालांकि तहरीर में घटना स्थल का स्पष्ट उल्लेख न होने से जांच में बाधा आ रही है। पुलिस का दावा है कि वह इस केस को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
राजनीतिक माहौल में उबाल-क्यों बढ़ रही है गर्मी?
यह मामला इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि इसमें दो बड़े राजनीतिक परिवारों के नाम जुड़े हैं-एक कांग्रेस से और दूसरा बसपा से। विपक्षी दल इस घटना को लेकर सरकार पर कानून-व्यवस्था विफल होने का आरोप लगा रहे हैं।
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