कानपुर के जीजीआईसी चुन्नीगंज में मिशन शक्ति-5 के तहत कक्षा 9 से 12 की छात्राओं को प्रतिदिन निःशुल्क मिड-डे-मील मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह पहल स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा को जोड़ने वाला प्रदेश का पहला स्कूल मॉडल है।
बरगद की छांव में सजी कतारें, थालियों में परोसा गरमागरम भोजन और चेहरों पर चमकती मुस्कान। यह नज़ारा मंगलवार को कानपुर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) चुन्नीगंज में देखने को मिला, जहां मिशन शक्ति-5 के तहत एक अनूठी पहल शुरू हुई। अब यहां कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं को भी प्रतिदिन निःशुल्क मिड-डे-मील मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह कदम उठाते हुए जीजीआईसी चुन्नीगंज प्रदेश का पहला विद्यालय बन गया है, जिसने इस नवाचार की शुरुआत की।
डीएम ने बैठकर किया छात्राओं के साथ भोजन
इस योजना से विद्यालय की 456 छात्राओं को प्रतिदिन पौष्टिक भोजन मिलेगा। शुरुआत के मौके पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह स्वयं छात्राओं के साथ बैठकर भोजन करते नजर आए। उन्होंने बताया कि पहले मिड-डे-मील योजना केवल कक्षा 6 से 8 तक सीमित थी, लेकिन अब इस पहल से बड़ी कक्षाओं की छात्राओं को भी इसका लाभ मिलेगा।
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इस्कॉन और अचिन्त्य फाउंडेशन की जिम्मेदारी
इस पहल में इस्कॉन कानपुर और अचिन्त्य फाउंडेशन ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी ली है। इस्कॉन के प्रभु अमृतेश कृष्ण दास ने कहा कि संस्था की योजना है कि प्रतिदिन विद्यालय की सभी छात्राओं को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाए। समाजसेवी अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि इस योजना पर लगभग 20 लाख रुपये का वार्षिक व्यय आएगा, जिसे समाजसेवियों और संस्थाओं के सहयोग से पूरा किया जाएगा।
विद्यालय की प्रिंसिपल मंगलम गुप्ता ने कहा कि भोजन मिलने से छात्राओं की उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी। कक्षा 6 से 8 की छात्राओं को पहले से भोजन मिल रहा था और उनकी उपस्थिति 80% से अधिक है, जबकि कक्षा 9 से 12 में यह 50% तक सीमित थी। अब इस पहल से बड़ी कक्षाओं की उपस्थिति और पढ़ाई दोनों बेहतर होंगी।
हर दिन अलग स्वाद से सजेगी थाली
इस्कॉन ने छात्राओं के लिए पौष्टिक और स्वादिष्ट मेन्यू तैयार किया है। सोमवार को कढ़ी पकोड़ा, मंगलवार को मूंग दाल और सोया आलू, बुधवार को चना आलू, गुरुवार को आलू सीताफल, शुक्रवार को छोला-हलवा और शनिवार को राजमा-मिक्स सब्जी जैसे व्यंजन परोसे जाएंगे।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो इसे प्रदेश के अन्य विद्यालयों में भी लागू किया जा सकता है। इस मौके पर डीआईओएस संतोष कुमार राय, समाजसेवी दिशा अरोड़ा समेत कई अधिकारी और छात्राएं मौजूद रहीं।
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