KGMU लव जिहाद केस पर राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव का बड़ा बयान सामने आया है. लखनऊ के केजीएमयू में महिला रेजिडेंट डॉक्टर से जुड़े मामले पर उन्होंने सख्त चेतावनी दी. मामले में आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई और जांच जारी है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) एक बार फिर गंभीर आरोपों को लेकर सुर्खियों में है. इस मामले ने न सिर्फ मेडिकल जगत को झकझोर दिया है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने इस पूरे प्रकरण को “बेहद शॉकिंग” बताते हुए लव जिहाद से जुड़े लोगों को सख्त चेतावनी दी है.
‘यह भारत भूमि है, यहां अन्याय का अंत तय है’ – अपर्णा यादव
केजीएमयू परिसर में सामने आए लव जिहाद केस पर प्रतिक्रिया देते हुए अपर्णा यादव ने कड़े शब्दों में कहा कि प्रदेश में लगातार कार्रवाई के बावजूद ऐसी मानसिकता के लोग सुधर नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह भारत भूमि है, जहां इतिहास गवाह है कि जब सीता का अपहरण हुआ तो पूरी लंका जलकर खाक हो गई और जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ तो पूरे वंश का विनाश हुआ.
अपर्णा यादव ने साफ शब्दों में चेताया कि लव जिहाद के नाम पर हिंदू बेटियों का जीवन बर्बाद किया जा रहा है और कई मामलों में उन्हें मौत के मुंह तक पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब यह सिलसिला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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‘अब मानसिकता को खत्म करने का समय’
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने कहा कि केजीएमयू का यह मामला सारी हदें पार कर चुका है. उन्होंने दो टूक कहा कि अब वह समय आ गया है जब लव जिहाद की मानसिकता का ही अंत किया जाए. अपर्णा यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग इस तरह के कृत्यों में लिप्त हैं, वे सुधर जाएं, वरना उन्हें चुन-चुनकर कानून के तहत सख्त सजा दिलाई जाएगी.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस केस में बीएनएस के तहत जितनी भी सख्त धाराएं लग सकती हैं, वे सभी आरोपी पर लगाई जाएंगी और आयोग इस मामले की लगातार निगरानी कर रहा है.
क्या है KGMU लव जिहाद मामला
दरअसल, केजीएमयू की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने यहां तैनात सीनियर डॉक्टर रमीज मलिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला डॉक्टर ने आत्महत्या का प्रयास किया था, जिसके बाद अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उसने आरोप लगाया कि आरोपी डॉक्टर ने उसे प्रेम जाल में फंसाकर यौन उत्पीड़न किया. पीड़िता का कहना है कि जब शादी की बात आई तो आरोपी ने उस पर धर्मांतरण का दबाव बनाया.
पीड़िता के अनुसार विरोध करने पर आरोपी ने उसके निजी वीडियो वायरल करने की धमकी दी और बाद में वीडियो सोशल मीडिया पर डाल भी दिए. इस पूरे मामले की शिकायत महिला आयोग और पुलिस से की गई है.
KGMU में जोरदार विरोध प्रदर्शन, जांच कमेटी गठित
इस घटना के सामने आने के बाद केजीएमयू परिसर में भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. छात्रों और अन्य संगठनों ने आरोपी डॉक्टर को तत्काल बर्खास्त करने और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए केजीएमयू के कुलपति को ज्ञापन सौंपा.
मामले की गंभीरता को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच के लिए विशाखा कमेटी का गठन किया है. प्रबंधन के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, यह मामला प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है और सभी की नजरें जांच के नतीजों पर टिकी हैं.
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