Kushinagar Tamkuhi Rail Line Approval: केंद्र सरकार ने 18 साल बाद छितौनी-तमकुही रेल परियोजना को मंजूरी दी है। 477 करोड़ के बजट से बनने वाली 67 किमी रेल लाइन से कुशीनगर और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी, व्यापार और पर्यटन में बड़ा लाभ मिलेगा।
Kushinagar Rail Project: पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए लंबे इंतजार के बाद बड़ी खुशखबरी आई है। 18 साल से अधर में लटकी छितौनी-तमकुही रेल परियोजना को आखिरकार केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। इस स्वीकृति के साथ ही क्षेत्र के विकास की नई राह खुलने जा रही है।
इस परियोजना की नींव 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रखी थी। लेकिन बजट की कमी और राजनीतिक असमंजस के कारण यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अब केंद्र सरकार की ओर से इसे हरी झंडी मिलने से स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल है।
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477 करोड़ का बजट, 67 किमी लंबी रेल लाइन
रेलवे मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 477 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इस राशि से 67 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी, पुलों का निर्माण होगा और स्टेशनों को आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह रेल लाइन किसानों, व्यापारियों और यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी। स्थानीय सांसद विजय कुमार दूबे और विधायक विवेकानंद पांडेय के लगातार प्रयासों से यह परियोजना फिर से शुरू हो पाई। छितौनी में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में दोनों नेताओं का जोरदार स्वागत किया गया।
किसानों और व्यापारियों को होगा सीधा फायदा
नई रेल लाइन से कुशीनगर, तमकुही और आसपास के इलाकों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। किसानों के उत्पादों के परिवहन में आसानी होगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। कुशीनगर बौद्ध धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां हर साल देश-विदेश से हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। नई रेल लाइन से क्षेत्र की पहुंच बेहतर होगी, जिससे पर्यटन उद्योग को बल मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
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