Lucknow Naimish Nagar Housing Plan: लखनऊ विकास प्राधिकरण दिवाली पर नैमिष नगर और वरुण विहार जैसी दो बड़ी आवासीय योजनाएं लॉन्च करने जा रहा है, जिससे शहर में आवास, निवेश और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।
Lucknow Housing Scheme: इस दिवाली राजधानी लखनऊ की तस्वीर बदलने जा रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) शहरवासियों के लिए दो नई आवासीय योजनाएं – नैमिष नगर और वरुण विहार – लेकर आ रहा है। इन दोनों परियोजनाओं को 4 अगस्त 2025 को एलडीए की बोर्ड बैठक में 12,504.97 करोड़ रुपये के बजट के साथ हरी झंडी दी जाएगी। लेकिन सवाल है, ये योजनाएं सिर्फ घरों तक सीमित होंगी या लखनऊ को एक नई पहचान भी देंगी?
क्यों खास हैं ये दोनों योजनाएं?
ये योजनाएं केवल आवास उपलब्ध कराने की पहल नहीं हैं। इनका मकसद लखनऊ को एक स्मार्ट, कनेक्टेड और आत्मनिर्भर शहर बनाना है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और लॉजिस्टिक्स जैसे अहम सेक्टरों को भी खास तवज्जो दी जा रही है, जिससे रोजगार के नए अवसर बन सकें और निवेश को बढ़ावा मिले।
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नैमिष नगर: सीतापुर रोड पर बस रहा नया शहर
नैमिष नगर योजना को सीतापुर रोड के रैथा क्षेत्र में 2,504 एकड़ में विकसित किया जाएगा। यह योजना बख्शी का तालाब तहसील के 14 गांवों की भूमि पर आधारित होगी और लगभग 2 लाख से अधिक लोगों को आवासीय सुविधाएं देगी।
- प्रमुख कनेक्टिविटी: यह योजना NH-24 (लखनऊ-सीतापुर-शाहजहांपुर हाईवे) से जुड़ी होगी, जिससे दिल्ली और उत्तराखंड जैसे प्रमुख शहरों तक सीधा संपर्क संभव होगा।
- क्या-क्या मिलेगा यहां: यहां सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि स्कूल, अस्पताल, व्यावसायिक क्षेत्र, सामुदायिक केंद्र, और हरित क्षेत्र भी होंगे। यानी, एक संपूर्ण टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा।
- शैक्षणिक और धार्मिक स्थल पास: नैमिष नगर से IIM, लखनऊ यूनिवर्सिटी कैंपस, इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और मां चंद्रिका देवी मंदिर जैसी संस्थाएं 15-20 किलोमीटर के दायरे में होंगी। साथ ही, उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स कॉलेज भी इसी रोड पर स्थित है।
वरुण विहार: आगरा एक्सप्रेस-वे के पास बसेगा आधुनिक टाउनशिप
वरुण विहार योजना काकोरी क्षेत्र में 5,610 एकड़ में बनाई जाएगी, जहां पहले और दूसरे चरण में कुल 12 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। नए सर्किल रेट लागू होने से भूमि अधिग्रहण लागत में करीब 1,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
- कनेक्टिविटी का केंद्र: यह योजना लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे, NH-30 (लखनऊ-रायबरेली) और NH-27 (लखनऊ-कानपुर) से जुड़ी होगी, जिससे व्यापार और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को काफी बल मिलेगा।
- आधुनिक प्लानिंग: यहां भी मॉल, स्कूल, अस्पताल और मनोरंजन क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक आत्मनिर्भर शहरी ढांचा तैयार किया जाएगा। हरियाली और पार्क भी प्रमुख हिस्सा होंगे।
दिवाली का असली उपहार क्या है?
एलडीए का कहना है कि ये योजनाएं केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर ही नहीं, बल्कि राजधानी लखनऊ के भविष्य की दिशा भी तय करेंगी। आवास के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं सुधरेंगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए विकल्प सामने आएंगे। एक तरह से ये योजनाएं दिवाली का वह तोहफा हैं, जो आने वाले दशकों तक लखनऊ को नई पहचान दिलाएंगी।
बोर्ड बैठक में मंजूरी के बाद इन योजनाओं का काम चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि जमीन अधिग्रहण, लेआउट प्लानिंग और आधारभूत ढांचा निर्माण की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ेगी। लखनऊ के लोग अब सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि एक बेहतर जीवनशैली की ओर बढ़ने के लिए तैयार रहें।
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