सार
केंद्र सरकार के सहयोग से यूपी में चल रही सभी योजनाओं का डेटाबेस लिया जाए। उसे परिवार कल्याण पास बुक व फैमिली आईडी से कनेक्ट किया जाए। चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार से जोड़ने के…
लखनऊ। केंद्र सरकार के सहयोग से यूपी में चल रही सभी योजनाओं का डेटाबेस लिया जाए। उसे परिवार कल्याण पास बुक व फैमिली आईडी से कनेक्ट किया जाए। चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार से जोड़ने के सरकार के संकल्प को दोहराया और कहा कि इसी सिलसिले में राज्य में परिवार आईडी बनाई जा रही है।
परिवार आईडी के डेटाबेस के आधार पर जरुरतमंदों को रोजगार
उन्होंने कहा कि परिवार आईडी के जरिए प्राप्त डेटाबेस के आधार पर रोजगार से वंचित परिवारों को चिन्हित किया जाएगा। तब उन्हें प्राथमिकता के तौर पर रोजगार के मौके उपलब्ध कराए जा सकेंगे। योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार होना चाहिए। ताकि यूपी का कोई भी ऐसा परिवार न बचे, जो सरकारी की योजनाओं का लाभ न उठा सके।
राशन कार्ड नंबर ही मानी जाएगी फैमिली आईडी
आपको बता दें कि मौजूदा समय में यूपी में रहने वाले करीबन 3.61 करोड़ परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे परिवारों की राशन कार्ड की संख्या की उनकी फैमिली आईडी मानी जाएगी। जिन परिवारों ने राशन कार्ड नहीं बनवाया है। वह फैमिली आईडी पोर्टल (https:\\familyid.up.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन करके अपनी फैमिली आइडी प्राप्त कर सकते हैं।
परिवार आईडी से क्या है लाभ?
योगी सरकार परिवार आईडी के लिए आनलाइन पोर्टल लेकर आई है। 12 अंकों की परिवार आईडी हर फैमिली की एक खास पहचान होगी। इससे परिवारों का लाइव डेटाबेस तैयार होगा, जो सरकारी योजनाओं के बेहतर प्रबंधन के काम आएगा। इतना ही नहीं परिवार आईडी के द्वारा यह सुविधा भी उपलब्ध होगी, जैसे-यदि परिवार के किसी एक सदस्य का जाति प्रमाण पत्र बना है तो उसी परिवार में बच्चे के जन्म के समय ही उसका जन्म व जाति प्रमाण पत्र जारी हो सकेगा। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी बार बार आवेदन की जरुरत नहीं पड़ेगी। परिवार आईडी ही इसके लिए पर्याप्त होगा। E-KYC की सुविधा भी उपलब्ध होगी।