सार
यूपी में तहसीलों के काम काज (कार्यप्रणाली) में बदलाव की जरुरत काफी समय से महसूस की जा रही थी। छोटे छोटे काम के लिए भी आम जन तहसीलों के बारहो महीने चक्कर लगाकर थक जाते हैं। पर उनका काम निपट नहीं पाता है।
लखनऊ। यूपी में तहसीलों के काम काज (कार्यप्रणाली) में बदलाव की जरुरत काफी समय से महसूस की जा रही थी। छोटे छोटे काम के लिए भी आम जन तहसीलों के बारहो महीने चक्कर लगाकर थक जाते हैं। पर उनका काम निपट नहीं पाता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को तहसीलों की फंक्शनिंग में बड़े सुधार की आवश्यकता जताई। अफसरों से इस संबंध में जल्द रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
कहा-उत्तराधिकार के मामलों को बेवजह लंबित न रखे
दरअसल, सीएम योगी मंगलवार को पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर जनहित से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने सीनियर अफसरों को तहसील से जुड़े मामलों के निपटाने में तेजी लाने के निर्देश दिए। समस्याओं या शिकायतों का हल एक समय सीमा के अंदर करने के लिए कहा। यह भी कहा कि डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने के साथ उत्तराधिकार के मामलों को बेवजह लंबित न रखा जाए। तहसीलों की फंक्शनिंग में सुधार के लिए उन्होंने अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। इससे उम्मीद जगी है कि जल्द ही यूपी में तहसीलों के काम काज में तेजी से सुधार आएगा और आम जन को इससे राहत मिलेगी।
सिर्फ 15 गांवों में सर्वे का काम शेष
सीएम ने कहा कि सरकार को स्वामित्व, घरौनी व वरासत जैसे प्रोग्राम के जरिए आम लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने में बड़ी सफलता मिली है। 56.17 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को घरौनी दी गई है। सर्वे का काम पूरे प्रदेश में पूरा हो चुका है। सिर्फ 15 राजस्व गांव ही शेष बचे हैं। इन गांवों में भी सर्वे का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। साल के अंत तक यूपी के सभी पात्र ग्रामीणों को 'घरौनी' (घर का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र) मिल जाए, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
शुरु हो रही 'मातृभूमि योजना'
सीएम ने बताया कि 'मातृभूमि योजना' शुरु की जा रही है। योजना के जरिए गांवों की बुनियादी जरुरतों को पूरा करने में आम लोग सहभागी बन सकते हैं। जल्द ही इसकी शुरुआत हो जाएगी। इसके जरिए लोग अपने पूर्वजों के नाम पर गांवों में सड़क, भवन या कम्यूनिटी सेंटर बनवा सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों से नगरीय इलाकों के लिए भी ऐसी ही योजना तैयार करने के निर्देश दिए।