सार

बरेली में धर्म छिपाकर शादी करने के मामले में 25 वर्षीय युवक को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है, जबकि उसके पिता को 2 साल की जेल हुई है. युवक पर 20 वर्षीय युवती से हिंदू होने का झूठा वादा कर शादी करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का आरोप था.

बरेली: धर्म छिपाकर शादी करने के मामले में 25 वर्षीय युवक को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है. युवक के पिता को भी 2 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. यह मामला उत्तर प्रदेश के बरेली का है. युवक पर आरोप है कि उसने 20 वर्षीय युवती से हिंदू होने का झूठा वादा करके शादी की और उसपर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया. उम्रकैद की सजा के अलावा, युवक को एक लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा. उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन विरोधी कानून लागू होने के दो महीने बाद ही बरेली की फास्ट ट्रैक अदालत का यह आदेश आया है.

युवती और युवक की मुलाक़ात एक कंप्यूटर कोचिंग सेंटर में हुई थी. युवक ने अपना नाम आनंद कुमार बताया था. पढ़ाई के दौरान दोनों में प्यार हो गया. बाद में, युवक युवती को बरेली के एक होटल में ले गया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. युवक ने इन दृश्यों को अपने फोन में रिकॉर्ड भी कर लिया. इसके बाद, युवक युवती को मंदिर ले गया और सिंदूर लगाकर उससे शादी कर ली.

हालांकि, बाद में युवती को पता चला कि युवक का असली नाम मोहम्मद अलीम अहमद है. अपने साथ हुई धोखाधड़ी का एहसास होने पर, 20 वर्षीय युवती ने युवक और उसके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. युवती ने आरोप लगाया कि युवक और उसके परिवार वालों ने उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया और उसे मुस्लिम रीति-रिवाजों से शादी करने के लिए मजबूर किया.

फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने यह फैसला सुनाते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेश की प्रति भेजी है. कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि रीति-रिवाजों का पालन किए बिना 13 मार्च 2022 को बरेली के मंदिर में हुई शादी मान्य नहीं है. पीड़िता ने मई 2023 में पुलिस से संपर्क किया था।