सार
कानपुर देहात की कलेक्टर नेहा जैन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक महिला और उसकी बेटी की आत्मदाह के बाद हुई मौत को अपना ‘चरित्र हनन-character assassination’ करार दिया।
कानपुर( Kanpur). कानपुर देहात की कलेक्टर नेहा जैन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक महिला और उसकी बेटी की आत्मदाह के बाद हुई मौत को अपना ‘चरित्र हनन-character assassination’ करार दिया।
कलेक्टर पर लग रहे गंभीर आरोप-(mother daughter self immolation anti-encroachment drive)
प्रमिला दीक्षित (45) और नेहा (20) की 13 फरवरी को पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में एक झोपड़ी में कथित रूप से खुद को आग लगाने के बाद मौत हो गई थी। यह टीम ग्राम समाज भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के लिए गांव आई थी। (फोटो क्रमश: डीएम नेहा जैन और मां-बेटी)
कलेक्टर नेहा जैन ने शुक्रवार(17 फरवरी) को कहा कि वह हमेशा अपने कार्यालय में आने वाले लोगों की शिकायतें सुनती हैं और उनका समाधान करती हैं। उन्होंने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, "इस घटना में, मेरा बहुत चरित्र हनन हुआ है और यह एक अधिकारी और एक महिला के रूप में उचित नहीं है।"
कलेक्टर ने एक वीडियो को लेकर हो रही आलोचना का भी जवाब दिया, जिसमें वह घटना से एक दिन पहले जिले में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर नाचती हुई दिखाई दे रही है। जैन ने कहा, "12 फरवरी को उत्सव का माहौल था, जबकि 13 फरवरी की घटना (जब दो महिलाओं की मौत हुई) हम सभी के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी। दोनों को जोड़ा नहीं जाना चाहिए।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 फरवरी को मां-बेटी की मौत की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। पुलिस ने एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट, चार राजस्व अधिकारियों, एक थानाध्यक्ष और अज्ञात पुलिस कर्मियों सहित 39 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। हत्या FIR में लिस्टेड धाराओं में से एक है।
मौके पर पहुंचीं थी नेहा जैन
इस बीच घटना के तीन दिन बाद डीएम नेहा जैन मौके पर पहुंची थीं। उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई भी दी थी। इस घटना की जांच के लिए गठित SIT गांव पहुंची थी। इस टीम में कलेक्टर नेहा जैन भी शामिल थीं। टीम ने परिवार से बातचीत की वीडियोग्राफी कराई। टीम उस मोबाइल शॉ पर भी पहुंची, जहां से ये विवाद पैदा हुआ था।
दरअसल, गेंदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ जमीन पर कब्जे को लेकर शिकायत की थी। इस पर 13 जनवरी को एसडीएम मैथा के दिशा-निर्देश पर कब्जा करके बनाए गए मकान को गिरवा दिया था। इसी बात को लेकर दोनों गुटों में विवाद चला आ रहा था।
टीम ने शिवम से भी पूछताछ की। इस मामले में 39 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आईजी कानपुर प्रशांत कुमार के मुताबिक, इस मामले में एसडीएम(मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। इन्हीं की लीडरशिप में टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी।
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