सार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा के मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करने के अधिकार की मांग करते हुए पांच हिंदू महिलाओं ने याचिका दायर की थी।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा के मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करने के अधिकार की मांग करते हुए पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी जिला जज की अदालत में याचिका दायर की थी। मुस्लिम पक्ष ने उसी मुकदमे की ​सुनवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।

श्रृंगार गौरी केस में 7 जुलाई को अगली तारीख

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने इसे ऐतिहासिक फैसला करार दिया है। अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी ने यह याचिका दायर की थी। उधर, वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मामले की सुनवाई की अगली तारीख 7 जुलाई नियत है।

श्रृंगार गौरी केस से जुड़ा ये है विवाद

दरअसल, यह पूरा विवाद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी के मंदिर से जुड़ा है। यहां सिर्फ नवरात्रि के समय ही पूजा की इजाजत है। हिंदू पक्ष ने मंदिर में नियमित पूजा पाठ के लिए वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वाद दायर किया है। अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी ने हाईकोर्ट में अपील कर इसी वाद को रोकने की मांग की थी।

मुस्लिम पक्ष की श्रृंगार गौरी केस में ये थी आपत्ति

अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी ने मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाया था। प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 के उपबंधों का हवाला देते हुए कहा था कि अदालत को यह वाद सुनने का अधिकार नहीं है। वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस अपील को खारिज कर दिया था। उसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी याचिका खारिज होने के बाद अब यह तय हो गया है कि जिला अदालत में हिंदू पक्ष के वाद की सुनवाई जारी रहेगी।