सार

स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं। वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से एक गाइडलाइन जारी की गई है। उसके मुताबिक अब मतदान कर्मियों को वोटरों की उंगली पर लगी स्याही को बारीकी से देखना होगा और वोटर की जिस उंगली पर स्याही लगी होगी।

रामपुर (Rampur News): स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं। वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से एक गाइडलाइन जारी की गई है। उसके मुताबिक अब मतदान कर्मियों को वोटरों की उंगली पर लगी स्याही को बारीकी से देखना होगा और वोटर की जिस उंगली पर स्याही लगी होगी, दूसरे हाथ की उसी उंगली पर स्याही लगानी होगी। आयोग की इस गाइडलाइन से मतदान कर्मियों की उलझनें बढेंगीं। उन्हें पहले तय करना होगा कि किसी उंगली में स्याही लगानी है। आपको बता दें कि पूर्व मंत्री आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट से सजा के बाद यह सीट खाली हुई है।

क्यों किया जा रहा है ऐसा?

ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि प्रदेश में निकाय चुनाव भी चल रहे हैं। निकाय चुनाव के पहले चरण में इलाके में मतदान हो चुका है। इस दौरान भी वोटरों की उंगलियों पर स्याही लगाई गई है। सप्ताह भर के भीतर वोटर विधानसभा उपचुनाव के लिए दोबारा वोट डालेंगे तो ऐसे में जब वोटरों के उंगलियों पर पहले से ही स्याही लगी है और दोबारा जब वह वोट डालने जाएंगे तो फिर उनके ​उंगलियों में स्याही लगाई जाएगी। इसको लेकर मतदान कर्मी कन्फयूज मत हो। इसलिए वोटरों की उंगलियों पर स्याही लगाने के लिए चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन आई है।

मतदान कर्मियों को दिए गए हैं ये निर्देश

मतदान से जुड़े अधिकारियों को इस सिलसिले में निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि यदि किसी वोटर के एक हाथ की तर्जनी उंगली में पहले से ही स्याही का निशान हो तो उस हाथ की मध्यमा उंगली में स्याही लगाई जा सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि किसी वोटर की दोनों उंगलियों में स्याही लगी हो तो ऐसी स्थिति में अनामिका उंगली में स्याही लगाई जा सकती है। मतलब साफ है कि मतदान कर्मियों को स्याही लगाते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि वोटर की किस उंगली में स्याही लगी है।