सार
Why SP rebel mla are meeting Amit Shah: उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। वहीं, अपनी सियासी नैया पार लगाने के लिए टिकट के दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के बागी विधायक पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के करीब जाते दिख रहे हैं।
मंगलवार को सपा के बागी विधायक अभय सिंह, विधायक राकेश सिंह समेत अन्य विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात को राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यूपी में जल्द ही योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार संभावित है। ऐसे में इन बागी विधायकों की मुलाकात बीजेपी में उनके भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर रही है।
दिल्ली में अमित शाह से खास मुलाकात
सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी के बागी विधायकों ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर अपनी राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को उनके सामने रखा। इस दौरान विधायक अभय सिंह, राकेश सिंह और विनोद चतुर्वेदी भी मौजूद रहे।
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद जल्द ही इस पर मुहर लग सकती है। ऐसे में इन बागी विधायकों की गृहमंत्री से हुई मुलाकात 2027 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावनाओं को और मजबूत कर सकती है।
राज्यसभा चुनाव में बगावत के बाद नई राह!
अयोध्या की गोसाईगंज सीट से सपा विधायक अभय सिंह ने हाल ही में राज्यसभा चुनाव में पार्टी लाइन से अलग जाकर बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिया था। उनके साथ विधायक राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, पूजा पाल, आशुतोष मौर्य और राकेश पांडेय समेत कई अन्य सपा विधायकों ने भी बीजेपी के उम्मीदवार संजय सेठ के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की थी।
सपा के बागी विधायकों के समर्थन के कारण ही बीजेपी ने अपना आठवां राज्यसभा उम्मीदवार जिताने में सफलता हासिल की थी। अब जब यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, तो इन बागी नेताओं ने अमित शाह से मिलकर अपनी सियासी जमीन को और पुख्ता करने की कोशिश की है। इस मुलाकात में बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ भी मौजूद रहे।
क्या बीजेपी में होंगे शामिल?
अब सवाल यह उठता है कि क्या ये बागी विधायक बीजेपी में शामिल होंगे या फिर गठबंधन के तहत चुनावी राजनीति में कोई नया समीकरण बनेगा? हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेतृत्व इन विधायकों को अपने पाले में लाने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है
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