सार
Sunita Williams Road in Lucknow: लखनऊ में एक सड़क का नाम सुनीता विलियम्स के नाम पर होगा। पार्षद निधि में भी 63 लाख की बढ़ोत्तरी हुई है। शहर के विकास के लिए कई और फैसले लिए गए।
Sunita Williams road Lucknow: नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में शहर के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सबसे बड़ा फैसला यह रहा कि लखनऊ की एक सड़क का नाम भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा पार्षद निधि में 63 लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई, जिससे अब यह 2.10 करोड़ रुपये हो गई है।
अब लखनऊ में भी चमकेगा सुनीता विलियम्स का नाम!
नगर निगम की बैठक में तय किया गया कि टेढ़ी पुलिया चौराहे से स्पोर्ट्स कॉलेज और टेढ़ी पुलिया से विकास नगर तिराहा जाने वाली सड़क (इसरो कार्यालय) को ‘सुनीता विलियम्स मार्ग’ नाम दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को पार्षद अनुराग मिश्रा और रंजीत सिंह ने पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई।
अब पार्षदों के पास होगा ज्यादा फंड, तेजी से होंगे विकास कार्य!
बैठक में नगर निगम ने पार्षद निधि को 1.47 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.10 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया। इससे शहर में चल रहे विकास कार्यों को गति मिलेगी। खास बात यह है कि अब पार्षद अपने वार्ड के साथ-साथ अन्य वार्डों में भी सहमति से विकास कार्य करवा सकेंगे।
शहर के लिए 4236 करोड़ का मेगा बजट, जानिए क्या होगा खास!
मेयर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3270.54 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया, जिसमें ओपनिंग बैलेंस 966 करोड़ रुपये को मिलाकर 4236.63 करोड़ रुपये तक का प्रावधान किया गया है।
लखनऊ में होंगे ये बड़े बदलाव, अब शहर होगा और स्मार्ट!
बैठक में कई नई योजनाओं को प्राथमिकता दी गई, जिनमें शामिल हैं:
- सफाई व्यवस्था में बड़ा सुधार
- जल निकासी के लिए नए प्रोजेक्ट
- नगर निगम स्कूलों की मरम्मत और आधुनिकीकरण
- पार्कों के रखरखाव के लिए अलग से बजट
- डिजिटल प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए ई-ऑफिस का बजट 3 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये
9 महीने तक फंसी रहीं अंतरिक्ष में, अब लखनऊ में मिलेगा सम्मान!
19 मार्च को नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने बाद पृथ्वी पर लौटीं। वह और उनके साथी बुच विल्मोर जून 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन गए थे, लेकिन उनके बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आने के कारण उनकी वापसी में देरी हो गई। उनकी ऐतिहासिक वापसी को दुनिया भर में सराहा गया और लखनऊ में सड़क का नामकरण उनके सम्मान में किया गया।
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