UP Electricity Crisis: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी में बढ़ती बिजली कटौती और बेतहाशा बिलों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है और जनता गुस्से में है।

Akhilesh Yadav On Power Cuts: उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को लेकर सियासत फिर से गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि राज्य की बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है, और जनता बेतहाशा बिलों के बोझ तले पिस रही है।

“बिजली नहीं, सिर्फ बिल आ रहे हैं” क्या वाकई ऐसा है?

अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा, “उत्तर प्रदेश में बिजली है ही नहीं, केवल बिजली के बिल आ रहे हैं, और वे भी इतने ज़्यादा कि जनता की जेबें खाली हो रही हैं।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राज्य में बिजली विभाग का ट्रांसफार्मर ही फुंक गया है और अफसरों और मंत्रियों के बीच तालमेल की ‘तार’ भी टूट चुकी है। उनका यह बयान सिर्फ राजनीतिक आरोप नहीं लगता, बल्कि हाल के दिनों में आम जनता द्वारा उपकेंद्रों पर हो रहे प्रदर्शन भी इसे गंभीर मसला बना रहे हैं।

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश के किलों से संस्कार और स्वाभिमान झांकते हैं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

क्यों बढ़ रहा है जनता का गुस्सा?

अखिलेश यादव के मुताबिक प्रदेश की जनता अघोषित बिजली कटौती से त्रस्त है। किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे, व्यापारी कारोबार नहीं चला पा रहे और छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे। लखनऊ जैसे बड़े शहरों में भी घंटों बिजली गुल रहना एक आम बात हो गई है। उन्होंने चेताया कि जब राजधानी में ये हाल है, तो प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की स्थिति की कल्पना करना ही डरावना है।

“भ्रष्टाचार की कमाई का हो रहा है बंटवारा”

सपा प्रमुख ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। उत्पादन ठप है, संचार अव्यवस्थित है और वितरण प्रणाली भ्रष्टाचार की चपेट में है। उनका कहना है कि “बिजली चेकिंग के नाम पर किसानों और व्यापारियों से जबरन वसूली की जा रही है।”

अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में एक भी यूनिट बिजली उत्पादन नहीं बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आज जो बिजली राज्य में उपलब्ध है, वह समाजवादी सरकार के कार्यकाल में स्थापित किए गए संयंत्रों से आ रही है।

अखिलेश का यह बयान खासकर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में लोग बिजली कटौती के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार तब तक जागती नहीं जब तक लोग उपकेंद्रों पर प्रदर्शन नहीं करते।

यह भी पढ़ें: 10 गायों का गोबर और कार पूरे दिन दौड़ेगी! यकीन नहीं तो पढ़िए ये खबर