Shubhanshu Shukla New Scholarship: उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के नाम पर स्पेस टेक्नोलॉजी में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों के लिए विशेष स्कॉलरशिप की घोषणा की है, जिससे युवाओं को नई अवसर और प्रेरणा मिलेगी।
Shubhanshu Shukla Scholarship: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से सफल मिशन पूरा कर लौटे लखनऊ के गौरव, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्हें मिशन की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। पत्रकारों से बातचीत में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि प्रदेशवासियों का उत्साह और समर्थन देखकर वे अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि यह ऊर्जा और मोमेंटम निश्चित रूप से भारत की स्पेस जर्नी को और आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
लखनऊ में सोमवार का दिन इतिहास रचने जैसा रहा। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय और उत्तर प्रदेश के गौरव शुभांशु शुक्ला के नाम पर अब प्रदेश सरकार एक विशेष स्कॉलरशिप शुरू करेगी। इस घोषणा ने न सिर्फ छात्रों के चेहरे पर उत्साह भर दिया, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में भी एक नई दिशा का संकेत दिया।
क्यों शुरू की गई यह स्कॉलरशिप?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि यह स्कॉलरशिप उन छात्रों को दी जाएगी जो स्पेस टेक्नोलॉजी में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। योगी ने कहा, “ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के पहले नागरिक हैं जिन्होंने अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनकर देश का नाम रोशन किया है। उनके नाम से छात्रवृत्ति देकर हम युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।”
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यूपी में कैसे बदल रहा है स्पेस एजुकेशन का परिदृश्य?
कुछ साल पहले तक उत्तर प्रदेश में कोई भी विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थान स्पेस टेक्नोलॉजी से जुड़े कोर्स उपलब्ध नहीं कराता था। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। गोरखपुर स्थित मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, AKTU और कई अन्य तकनीकी संस्थानों में इस क्षेत्र से जुड़े डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शुरू हो चुके हैं। यह बदलाव दिखाता है कि प्रदेश किस तरह नई वैज्ञानिक संभावनाओं को अपनाकर देश के विकास में योगदान दे रहा है।
शुभांशु शुक्ला हाल ही में ऐक्सिऑम-4 (Axiom-4) मिशन से लौटे हैं। उन्होंने 18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहकर 60 से अधिक प्रयोग किए, जिनमें कई भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा डिज़ाइन किए गए थे। मुख्यमंत्री ने उनकी इस उपलब्धि को न केवल लखनऊ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताया। योगी ने कहा कि उनका अनुभव आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
यूपी की प्रगति देश के लिए बनी प्रेरणा: इसरो अध्यक्ष
कार्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने भी संबोधित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की तेज़ी से हो रही प्रगति आज देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की उपलब्धियों का उल्लेख किया और कहा कि आने वाले समय में भारत अंतरिक्ष विज्ञान में और भी ऊँचाइयाँ हासिल करेगा।
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