इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में यूपी अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले 2025 में रूस-भारत B2B बैठक में 85+ कंपनियों ने 240 से अधिक मीटिंग्स की। बैठक में औद्योगिक, IT, ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों में निवेश व साझेदारी पर चर्चा हुई।

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले 2025 के अवसर पर शुक्रवार को इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में रूस–भारत व्यापार संवाद पर केंद्रित विशेष बी2बी बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस बैठक में 85 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया और केवल तीन घंटे में 240 से अधिक लक्षित B2B मीटिंग्स संपन्न हुईं।

रूसी कंपनियों का सक्रिय भागीदारी

रूस की 30 कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय उद्यमियों के साथ व्यापार और निवेश के अवसरों पर चर्चा की। बैठक का उद्देश्य रणनीतिक साझेदारियाँ स्थापित करना और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना था।

प्रमुख उद्योग क्षेत्रों में चर्चा

बैठक में निम्नलिखित प्रमुख सेक्टर्स पर चर्चा की गई:

  • विनिर्माण: औद्योगिक एवं इंजीनियरिंग
  • ऊर्जा, उपयोगिताएँ और अवसंरचना
  • एफएमसीजी और उपभोक्ता उत्पाद
  • आईटी एवं डिजिटल समाधान
  • रसायन और सौंदर्य प्रसाधन
  • पैकेजिंग
  • चिकित्सा और चिकित्सा उपकरण
  • इलेक्ट्रॉनिक घटक और ट्रांसमिशन
  • खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि
  • पर्यटन, व्यापार एवं थोक वितरण
  • पशुपालन

चर्चा में परस्पर हित के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया गया और उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के लिए एक गतिशील केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया गया। रूसी निवेशकों ने राज्य के विस्तारित औद्योगिक आधार, सक्रिय शासन और क्षेत्र-विशेष प्रोत्साहनों में गहरी रुचि दिखाई।

आर्थिक साझेदारी और निवेश को बढ़ावा

इस सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, श्री आलोक कुमार ने की, जबकि सह-अध्यक्षता इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री शशांक चौधरी ने की। बैठक का उद्देश्य दोनों पक्षों की आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना और सतत विकास के नए मार्ग खोलना था। यह आयोजन उत्तर प्रदेश की वैश्विक निवेश अनुकूल नीतियों और रणनीतिक स्थिति को उजागर करता है।

दीर्घकालिक सहयोग की दिशा

रूस–भारत व्यापार संवाद ने सहयोग और निवेश संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव स्थापित किया। यह भविष्य में दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त करेगा और उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करेगा।

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