सार

महाराष्ट्र और झारखंड के साथ UP की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखें घोषित हो गई हैं। इस उपचुनाव को अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। जानिए किन सीटों पर उपचुनाव होगा और किसकी होगी जीत।

लखनऊ। आगामी महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के साथ ही उत्तर प्रदेश की 10 में से 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस चुनावी दंगल में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव की टीम, जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में 37 सीटें जीती थीं, जोश से भरी हुई है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए ये उपचुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन चुके हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल साबित हो सकता है, जिससे इसे दोनों नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।

इन सीटों पर होना है उपचुनाव

इस बार जिन सीटों पर उपचुनाव होंगे, उनमें शामिल हैं - अलीगढ़ की खैर, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकर नगर की कटेहरी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर नगर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवां, मुरादाबाद की कुंदरकी और मैनपुरी की करहल सीट। इन सभी सीटों पर या तो विधायकों के सांसद बनने या अन्य कारणों से उपचुनाव हो रहे हैं। मिल्कीपुर सीट पर अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है।

2022 में किस पार्टी के पास थी कितनी सीटें

2022 के विधानसभा चुनावों में सपा ने इनमें से 5 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी। राष्ट्रीय लोक दल और निषाद पार्टी ने 1-1 सीट जीती थी। उपचुनाव में सपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है, खासकर करहल और मैनपुरी जैसी सीटों पर, जो यादव बाहुल्य क्षेत्र हैं।

1. करहल

सबसे चर्चित सीट करहल है, जो अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद खाली हुई। अखिलेश ने यहां 2022 के चुनावों में भाजपा के एसपी सिंह बघेल को हराया था। अब इस सीट पर सपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी पूरी ताकत झोंक रही है। यहां से अखिलेश ने अपने वारिश के तौर पर अपने भतीजे, लालू प्रसाद यादव के दामाद और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया है।

2. गाजियाबाद

गाजियाबाद में भी उपचुनाव होने जा रहे हैं, जहां भाजपा विधायक अतुल गर्ग ने सांसद बनने के बाद इस्तीफा दिया है।

3. मिल्कीपुर, अयोध्या

मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का एलान नहीं किया गया है। हाल के लोकसभा चुनाव के बाद जिन सीटों पर हार-जीत की सबसे ज्यादा चर्चा हुई उसमें अयोध्या शामिल है। लोकसभा का चुनाव जीतने वाले अवधेश प्रसाद 2022 में यहां से भाजपा के गोरखनाथ को हराया था।

4. कटेहरी, अंबेडकर नगर

यहां से सपा के विधायक रहे लालजी वर्मा लोकसभा के सांसद बन गए हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एनडीए गठबंधन प्रत्याशी अवधेश कुमार द्विवेदी को शिकस्त दी थी।

5. कुंदरकी, मुरादाबाद

कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक जिया उर रहमान संभल से सपा के सांसद बन गए हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा के जिया उर रहमान ने भाजपा उम्मीदवार कमल कुमार को हराया था।

6. सीसामऊ, कानपुर नगर

सीसामऊ अकेली सीट है, जहां मौजूदा विधायक की अयोग्यता के चलते उपचुनाव हो रहा है। तत्कालीन सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद यह सीट रिक्त हुई है। इरफान ने 2022 के चुनाव में भाजपा के सलिल विश्नोई को हराया था।

7. फूलपुर, प्रयागराज

फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुन लिए गए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रवीण पटेल ने सपा उम्मीदवार मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को हराया था।

8. मीरापुर, मुजफ्फर नगर

राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान मीरापुर सीट से विधायक थे। चंदन ने इस लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट से अपनी किस्मत आजमाई और सफल भी हुए। विधानसभा चुनाव 2022 में चंदन चौहान ने भाजपा उम्मीदवार प्रशांत चौधरी को हराया था। उस चुनाव में रालोद सपा के साथ गठबंधन में लड़ी थी।

9. मझवां, मिर्जापुर

यहां से निषाद पार्टी के विधायक रहे डॉ. विनोद कुमार बिंद भी अब लोकसभा के सांसद बन गए हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी के टिकट पर उतरे विनोद कुमार बिंद ने सपा के रोहित शुक्ल को शिकस्त दी थी।

10. खैर, अलीगढ़

भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि खैर सीट से विधायक थे। उनके हाथरस सीट से सांसद बनने के बाद खैर में उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा की उम्मीदवार चारू को हराया था।