सार
प्रयागराज, 25 दिसंबर। 2025 के महाकुंभ से पहले एक नया विवाद सामने आया है। कुंभ मेला क्षेत्र में "डरेंगे तो मरेंगे" के पोस्टर लगाए गए हैं, जिससे धार्मिक और राजनीतिक चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं। यह नारा पहले से चर्चित 'बंटेंगे तो कटेंगे' के नारे से मिलता-जुलता है, जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा चुनावों के दौरान दिया गया था।
किसने लगवाए "डरेंगे तो मरेंगे" के पोस्टर?
यह पोस्टर जगदगुरु रामानंदाचार्य की ओर से लगाए गए हैं, जो महाकुंभ से पहले कई स्थानों पर देखे जा रहे हैं। 2019 में भी रामानंदाचार्य ने राम मंदिर के समर्थन में पोस्टर लगाए थे। अब यह नया नारा "डरेंगे तो मरेंगे" महाकुंभ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लगा हुआ है, जिसे लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलचल शुरू हो गई है।
महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर जोर
महाकुंभ के आयोजन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कई नई घोषणाएं की गई हैं। उत्तर प्रदेश के डीजीपी कुमार प्रशांत कुमार ने बताया कि इस बार महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पिछले कुंभ से 40% ज्यादा मजबूत होगी। 50,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ 2700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें एआई क्षमता वाले कैमरे भी शामिल हैं।
क्या महाकुंभ में धार्मिक और राजनीतिक बयानबाजी बढ़ेगी?
"डरेंगे तो मरेंगे" का नारा अब महाकुंभ में एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है कि क्या यह धार्मिक और राजनीतिक बयानबाजी के बीच एक नया मोड़ लेकर आएगा? इस नारे को लेकर विरोध और समर्थन दोनों ही सामने आ रहे हैं, जो आगामी दिनों में महाकुंभ के दौरान और भी चर्चा का विषय बन सकता है?
बता दें की महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा, जिसमें अनुमानित 45 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे। सुरक्षा के लिए 50,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और 2700 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों की एआई तकनीक से हर घटना पर नजर रखी जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
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