योगी सरकार ने अनुपूरक बजट में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को बड़ी प्राथमिकता दी है। पॉलीटेक्निक एक्सीलेंस सेंटर, यूपी कौशल विकास मिशन, ओबीसी छात्रवृत्ति और युवाओं के प्रशिक्षण के लिए हजारों करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है।

रोजगार के बदलते दौर में हुनर ही सबसे बड़ी ताकत बनता जा रहा है। इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और छात्र कल्याण को केंद्र में रखा है। सरकार का फोकस साफ है, प्रदेश के युवाओं को आधुनिक शिक्षा, तकनीकी दक्षता और रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना। इसी दिशा में अनुपूरक बजट में कई अहम प्रस्ताव रखे गए हैं, जो आने वाले समय में शिक्षा और स्किल सेक्टर की तस्वीर बदल सकते हैं।

तकनीकी और प्राविधिक शिक्षा के ढांचे को मिलेगा मजबूत आधार

अनुपूरक बजट में तकनीकी और प्राविधिक शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य में नए पॉलीटेक्निक कॉलेजों की स्थापना के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। इसके साथ ही मौजूदा पॉलीटेक्निक संस्थानों में आधुनिक तकनीक से युक्त एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने के लिए 613.72 करोड़ रुपये की बड़ी राशि की मांग की गई है।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में पॉलीटेक्निक भवन निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में भवन निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये, इंजीनियरिंग कॉलेज झांसी के लिए 2 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश राज्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर को 2.5 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता प्रस्तावित की गई है।

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यूपी कौशल विकास मिशन से 50 हजार युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण

सरकार ने युवाओं को सीधे रोजगार से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को भी अनुपूरक बजट में मजबूती दी है। मिशन के तहत 50 हजार युवाओं को अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण देने के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। इसके साथ ही औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में दस्तकारी प्रशिक्षण योजना के तहत नई इकाइयों की स्थापना और आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था के लिए 7 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।

माध्यमिक और उच्च शिक्षा व्यवस्था को भी मिलेगी मजबूती

माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज और उसके क्षेत्रीय कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने, यात्रा भत्तों और प्रशासनिक खर्चों के लिए 2.94 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। वहीं परिषद के क्षेत्रीय कार्यालयों के नियमित संचालन के लिए 4 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट मांगा गया है।

एनसीसी प्रशिक्षण से जुड़ी विभिन्न आवश्यकताओं के लिए 9 करोड़ रुपये, जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था के लिए 5 करोड़ रुपये और राजकीय महिला शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय, प्रयागराज में भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी अनुपूरक बजट में शामिल है।

ओबीसी छात्रवृत्ति के लिए 3616 करोड़ का बड़ा प्रस्ताव

सामाजिक समावेशन को मजबूत करते हुए सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति को भी प्राथमिकता दी है। वर्ष 2024-25 के अवशेष भुगतान और 2025-26 के लिए पात्र छात्रों के भुगतान हेतु 3616 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का प्रस्ताव रखा गया है।

इसके अलावा दिव्यांगजन सशक्तिकरण, अग्नि सुरक्षा और छात्रावास निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये तथा डॉ. शकुंतला मिश्र राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के लिए 5.43 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान राशि प्रस्तावित की गई है।

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम

अनुपूरक बजट में किए गए ये प्रावधान साफ संकेत देते हैं कि सरकार शिक्षा और कौशल विकास को प्रदेश के भविष्य की नींव मानकर चल रही है। तकनीकी संस्थानों के सुदृढ़ीकरण से लेकर छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण योजनाओं तक, यह बजट युवाओं को बेहतर अवसर और मजबूत भविष्य देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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