Banke Bihari Corridor Ordinance: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू, जहां विकास पर 24 घंटे चर्चा होगी। योगी सरकार नए विधेयक पास कर प्रदेश को विकसित बनाने की कोशिश में है, वहीं विपक्ष कानून व्यवस्था और बिजली निजीकरण पर सवाल उठाएगा।
UP Assembly Monsoon Session 2025: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। चार दिनों तक चलने वाले इस सत्र में योगी सरकार एक नया कीर्तिमान बनाने का प्रयास करेगी। खास बात यह है कि 13 अगस्त को विकास के मुद्दे पर सदन में 24 घंटे तक नॉन-स्टॉप चर्चा होगी। वहीं, विपक्ष भी अपनी रणनीति के साथ सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में है। क्या इस सत्र में यूपी की राजनीति फिर से गरमाएगी? आइए जानें सत्र की प्रमुख खासियतें और दोनों पक्षों की तैयारी।
24 घंटे की चर्चा: क्यों रखा गया यह अनोखा कदम?
13 अगस्त की सुबह 11 बजे से 14 अगस्त की दोपहर 2 बजे तक प्रदेश के विकास को लेकर 24 घंटे तक लगातार चर्चा होगी। इसे लेकर योगी सरकार ने ‘विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्यूमेंट 2047’ को आधार बनाया है। सरकार के सभी मंत्री अपने-अपने विभागों के विकास योजनाओं को सदन में पेश करेंगे, तो विपक्ष भी सवाल और सुझाव लेकर आएगा। यह चर्चा न केवल यूपी के विकास पर फोकस करेगी, बल्कि सरकार के लिए राजनीतिक संदेश भी होगी कि वह विकास के पथ पर अग्रसर है।
यह भी पढ़ें: UP Vidhan Sabha Monsoon Session : 24 घंटे का विधानसभा सत्र, जानिए किस मुद्दे पर होगी ऐतिहासिक चर्चा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को निर्देश दिए हैं कि वे पूरी तैयारी के साथ आएं और अपने विचार स्पष्ट रखें। उन्होंने साफ कहा है कि विपक्ष अगर वॉकआउट भी करता है, तो सरकार अपनी बात रखेगी। सदन के सभी सदस्यों को ‘विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश’ नामक एक किताब भी वितरित की गई है, जिसमें 1950 से अब तक प्रदेश की विकास यात्रा का पूरा ब्यौरा है।
विपक्ष की क्या है रणनीति?
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस 24 घंटे की चर्चा पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि नौ साल में कुछ काम नहीं हुआ और अब 24 घंटे चर्चा का क्या फायदा होगा। इसके अलावा, विपक्ष बिजली के निजीकरण, बाढ़ की स्थिति, बेसिक स्कूलों के मर्जर, और यूपी की कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है।
अखिलेश यादव ने अपने विधायकों को विशेष तौर पर स्कूल मर्जर के मुद्दे पर आवाज उठाने और सरकार के फैसलों के खिलाफ एकजुट रहने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस की तरफ से भी विजन डॉक्यूमेंट में विपक्ष के सुझावों को शामिल करने की मांग की गई है।
बांके बिहारी कॉरिडोर अध्यादेश: क्या नया होगा?
मॉनसून सत्र में योगी सरकार बांके बिहारी कॉरिडोर ऑर्डिनेंस भी सदन में पेश कर सकती है। यह मुद्दा लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने मंदिर न्यास के संचालन पर रोक लगाई है और इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट को भेजा है। इस अध्यादेश के जरिए सरकार मंदिर के आसपास की पांच एकड़ जमीन अधिग्रहित कर कॉरिडोर के विकास को आगे बढ़ाना चाहती है। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ गोस्वामी परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसलिए, इस मामले में अंतिम निर्णय आने के बाद ही अध्यादेश को लागू किया जाएगा।
सरकार इस सत्र में उच्च शिक्षा से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी पास कराने की योजना में है। उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह मॉनसून सत्र न केवल विकास की नई दिशा तय करेगा, बल्कि राजनीतिक बहस का भी मैदान बनेगा। 24 घंटे की चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष दोनों के बीच जोरदार मंथन देखने को मिलेगा। यह सत्र प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक और विकासात्मक स्थिति की एक महत्वपूर्ण झलक प्रस्तुत करेगा।
आगे देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार अपने विकास एजेंडे को सही ढंग से पेश कर पाएगी और विपक्ष किस हद तक अपनी तैयारियों के साथ जवाब दे पाएगा। साथ ही, बांके बिहारी कॉरिडोर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की अंतिम राय भी सत्र के बाद बड़े बदलाव ला सकती है।
यह भी पढ़ें: Akhilesh Yadav ने BJP पर लगाया चुनावी भ्रष्टाचार का आरोप, EC की भूमिका पर सवाल
