सार
उत्तर प्रदेश के हाथरस के 14 वर्षीय लड़के की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा पांच घंटे की जटिल सर्जरी के बाद मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसके पेट से 65 वस्तुएं निकालीं, जिसमें बैटरी, चेन, रेजर ब्लेड के टुकड़े और स्क्रू शामिल थे।
आगरा। उत्तर प्रदेश के हाथरस से 14 वर्षीय आदित्य शर्मा की दर्दनाक मौत ने सबको झकझोर दिया है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने आदित्य के पेट से पांच घंटे की जटिल सर्जरी में 65 वस्तुएं निकालीं, जिनमें बैटरी, चेन, रेजर, ब्लेड के टुकड़े और स्क्रू शामिल थे। हालांकि, सर्जरी के बाद भी डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए, और उसकी मौत संक्रमण के कारण हुई।
पिता मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का करते हैं काम
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि आदित्य के पेट में ये सभी वस्तुएं पाई गईं, जो संभवतः उसने कई बार निगल ली थीं। उसके पिता संचेत शर्मा, जो हाथरस में एक फार्मा फर्म में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं, ने बताया कि 13 अक्टूबर को आदित्य को सांस लेने में कठिनाई और बेचैनी की शिकायत हुई। इसके बाद उसे आगरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और सही उपचार की तलाश में उसके माता-पिता उसे कई शहरों में लेकर गए, जिनमें जयपुर, अलीगढ़, नोएडा और दिल्ली शामिल हैं।
9वीं कक्षा का छात्र था आदित्य
आगरा के अस्पताल में इलाज के बाद 9वीं कक्षा के छात्र को जयपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां स्कैन और जांच के बाद वह 19 अक्टूबर को वापस यूपी आ गया। संचेत शर्मा ने बताया कि वहां सीटी स्कैन में "नाक में रुकावट" पाई गई, जिसे डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक हटा दिया।
आदित्य को कभी नहीं थी किसी प्रकार की कोई नहीं थी बीमारी
रत्नगर्भा कॉलोनी के निवासी संचेत शर्मा ने बताया कि इस दौरान आदित्य की तबीयत और बिगड़ती चली गई। 28 अक्टूबर की रात को सफदरजंग अस्पताल में उसका निधन हो गया। संचेत ने बताया कि आदित्य पहले कभी किसी मानसिक या शारीरिक बीमारी से ग्रस्त नहीं था। यह सब एक महीने के भीतर हुआ और उनका इकलौता बेटा उनसे छिन गया।
अल्ट्रासाउंड में 19 वस्तुएं पेट में दिखीं
आगरा में इलाज के बाद आदित्य को जयपुर के अस्पताल रेफर किया गया था, जहां कई टेस्ट और स्कैन के बाद उसे वापस यूपी भेजा गया। दो दिन बाद फिर उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे अलीगढ़ के अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसके नाक की रुकावट को सफलतापूर्वक हटाया, लेकिन उसके पेट में असामान्य दर्द होने पर 26 अक्टूबर को व्यापक अल्ट्रासाउंड किया गया। इस टेस्ट में 19 अज्ञात वस्तुएं दिखीं, जिसे देख डॉक्टरों ने तत्काल नोएडा के अस्पताल में रेफर कर दिया।
पेट से निकाली गईं 65 वस्तुएं
नोएडा में डॉक्टरों ने जांच के दौरान उसके पेट में 42 वस्तुएं और पाईं, जिससे तुरंत उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने स्कैन में "कुल 65 वस्तुएं" पाईं और इस स्थिति में उसकी हृदय गति 280 प्रति मिनट तक पहुंच गई थी। पांच घंटे की सर्जरी के बाद भी डॉक्टर उसे नहीं बचा सके और उसकी दर्दनाक मौत हो गई।