सार

मेरी आंखों के सामने मेरा लाल चल गया मैं कुछ नहीं कर सकी...यह दर्द लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव का जो बेटे की एक्सीडेंट में मौत के बाद बिलख-बिलखकर रो रही हैं।

लखनऊ. हर मां की सबसे बड़ा धन उसकी संतान होती है, सोचिए अगर किसी मां की आखों के सामने उसके बेटे की मौत हो जाए तो उसपर क्या गुजरेगी। ऐसी दर्दभरी कहानी है यूपी की राजधानी लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव की, जिनके 10 साल के बेटे निमिश को एक कार ने रौंदकर मौत की नींद सुला दिया। हादसे को 24 से ज्यादा का वक्त हो गया, लेकिन पुलिस अफसर मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जैसे ही उन्होंने अपने मासूम की खून से सनी लाश देखी तो वह फफक-फफककर रो पड़ीं। जिसने ने भी इस बेबस मां को बिलखते देखा उसकी आंखों में भी आंसू आ गए।

मेरी आंखों के सामने मेरा लाल चल गया मैं कुछ नहीं कर सकी...

दरअसल, जब डॉक्टरों ने बताया कि आपका बेटा अब नहीं रहा तो ये सुनते ही एसपी चंद सेकंड के लिए सन्न रह गईं। उनको यकीन ही नहीं रहा था कि अब उनका लाल इस दुनिया में नहीं रहा। वह अस्पताल में बार-बार एक ही बात बोल रहीं थीं कि मेरा बेटा मेरी आंखों के सामने चल गया और मैं उसे बचा नहीं पाई। जैसे ही यह बात श्वेता के पति जे कि गुरुग्राम में जॉब करते हैं उन्हें पता चला कि उनका बेटा नामिश अब इस दुनिया में नहीं रहा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। वो रोते-बिलखते लखनऊ पहुंचे और पत्नी को संभाला। दोनों कई घंटो तक गले लगकर रोते-बिलखते रहे।

कई फीट उछला और फिर एसयूवी के बोनट पर जा गिरा मासूम

बता दें कि मंगलवार तड़के एसपी श्वेता श्रीवास्तव इकलौते बेटे को घर से स्केटिंग करने जनेश्वर मिश्र पार्क लेकर गईं थीं। बेटे को कोच स्केटिंग करा रहा था, जबकि जी-20 मार्ग पर श्वेता सड़क के दूसरी तरफ थीं। तभी उनके सामने ही तेज रफ्तार में महिंद्रा एक्सयूवी 700 आई और मासूम को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि बच्चा कई फीट ऊपर उछला और फिर एसयूवी के बोनट पर जा गिरा। लेकिन एसयूवी चला रहे आरोपी ने गाड़ी को रोकने की बजाए नामिश को रौंदते हुए फरार हो गए। आनन-फानन में एसपी श्वेता श्रीवास्तव रोते-बिलखते बेटे को खून से लथपथ हालत में अस्पताल लेकर पहुंची। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं खबर लगते ही पूरा पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा, खुद स्पेशल डीजी लॉ-एंड-ऑर्डर प्रशांत कुमार पीड़ित परिवार के घर पहुंचे थे।