वर्ष 2025 में योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण को नई ऊंचाई दी। छात्रवृत्ति से 12.76 लाख छात्रों को लाभ, शादी अनुदान से 72 हजार बेटियों को सहायता और 22 हजार युवाओं को डिजिटल प्रशिक्षण मिला।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण—तीनों क्षेत्रों में सरकारी योजनाएं पहले से अधिक प्रभावी बनी हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि सरकार की नीतियां समाज के अंतिम व्यक्ति तक सीधे पहुंच रही हैं। योगी सरकार का फोकस केवल योजनाएं चलाने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शिक्षा, सम्मान और कौशल के माध्यम से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना रहा है।

शिक्षा को प्राथमिकता, छात्रवृत्ति वितरण में नया रिकॉर्ड

वर्ष 2025-26 में पिछड़ा वर्ग के छात्रों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर छात्रवृत्ति प्रदान की। पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के तहत 6,90,349 छात्रों को 147.75 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। वहीं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना से 5,85,954 छात्रों को 175.54 करोड़ रुपये का लाभ मिला।

इस प्रकार वर्ष 2025 में कुल 12,76,303 विद्यार्थियों को 323.29 करोड़ रुपये की सीधी सहायता दी गई। पिछले नौ वर्षों में योगी सरकार ने कुल 2 करोड़ 20 लाख 29 हजार 760 छात्रों को 13,858.62 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की है।

शादी अनुदान योजना से बेटियों को सम्मान और सुरक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सामाजिक संवेदनशीलता शादी अनुदान योजना के माध्यम से स्पष्ट दिखाई देती है। वर्ष 2025-26 (23 दिसंबर 2025 तक) में पिछड़ा वर्ग की 72,296 बेटियों को 144.59 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया।

पूर्व वर्षों में भी इस योजना का दायरा लगातार बढ़ा है। 2019-20 और 2024-25 में एक-एक लाख बेटियों को 200-200 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। नौ वर्षों में कुल 6,47,863 लाभार्थियों को 1,295.72 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया। यह योजना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों के लिए है, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये तक है। योजना के तहत लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है।

डिजिटल सशक्तिकरण से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

योगी सरकार की प्राथमिकता युवाओं को रोजगारोन्मुखी और आत्मनिर्भर बनाना रही है। वर्ष 2025-26 (23 दिसंबर 2025 तक) में कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत 18,159 बालक और 4,233 बालिकाओं सहित कुल 22,392 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। इस पर 19.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

वर्ष 2017-18 में जहां 9,431 युवाओं को प्रशिक्षण मिला था, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 29,769 हो गई। पिछले नौ वर्षों में कुल 1,62,046 युवाओं को 154.56 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल प्रशिक्षण दिया गया।

ओ-लेवल और CCC प्रशिक्षण से बढ़ा तकनीकी कौशल

डिजिटल प्रशिक्षण योजना के तहत ओ-लेवल सर्टिफिकेट प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों की संख्या 1,01,139 रही और CCC सर्टिफिकेट प्रशिक्षणार्थियों की संख्या 60,907 रही। यह प्रशिक्षण भारत सरकार की नीलिट (NIELIT) से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के माध्यम से दिया गया। योजना का लाभ अन्य पिछड़ा वर्ग के इंटरमीडिएट पास बेरोजगार युवक-युवतियों को मिला, जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख रुपये तक है।

डीबीटी से बढ़ी पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर अंकुश

पिछड़ा वर्ग कल्याण की सभी योजनाओं में लाभार्थियों को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भुगतान किया गया। इससे पारदर्शिता बढ़ी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं समाप्त हुईं। योगी सरकार की यह परिणाम-केंद्रित नीति उत्तर प्रदेश को सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ा रही है।