Counting Updates Uttarakhand: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना जारी है। अब तक कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। रानीखेत, देहरादून, ताड़ीखेत और पिथौरागढ़ में कई चर्चित और नए चेहरे बीडीसी व ग्राम प्रधान पदों पर विजयी घोषित हुए हैं।
Uttarakhand Panchayat Chunav Result 2025: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना गुरुवार सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। इस चुनाव में 89 विकासखंडों के 10,915 पदों पर 34,151 प्रत्याशियों ने मैदान में उतरकर भाग्य आजमाया। राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरी मतगणना प्रक्रिया के लिए 15,024 कार्मिकों और 8,926 सुरक्षा जवानों की तैनाती की है।
जहां अंगूठा बना वोट, वहां निर्णायक बना एक-एक मत!
सबसे चौंकाने वाले दृश्य पिथौरागढ़ के बिण ब्लॉक में सामने आए, जहां कई मतपत्रों में या तो सभी प्रत्याशियों पर मुहर थी या कोई निशान ही नहीं था। कुछ मतों में तो मतदाता ने मुहर के स्थान पर अंगूठे का निशान लगा दिया। उड़इसेरा गांव में प्रधान उम्मीदवार मात्र 4 वोटों से जीते, लेकिन आश्चर्यजनक बात यह रही कि वहां 25 से ज्यादा मतपत्र रद्द कर दिए गए। यह दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता को लेकर अभी भी काफी काम किया जाना बाकी है।
निर्दलीयों का दबदबा, पारंपरिक चेहरों की हार
ताड़ीखेत ब्लॉक की मंगचौड़ा सीट से निर्दलीय बीडीसी प्रत्याशी बबली मेहरा ने जीत दर्ज की है, वहीं चर्चित मकड़ौं क्षेत्र पंचायत सीट से पूर्व ब्लाक प्रमुख रचना रावत 211 मतों से विजयी हुईं। देहरादून के रामनगर डांडा प्रथम से बीडीसी सदस्य अमित कुकरेती ने 171 वोटों से जीत दर्ज की।
प्रियंका पांडे बनीं प्रधान, महिलाओं की भागीदारी सराहनीय
ताड़ीखेत की पीपलटाना ग्राम पंचायत से प्रियंका पांडे ने ग्राम प्रधान पद पर जीत हासिल की है। यह जीत न केवल महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करती है, बल्कि ग्रामीण राजनीति में नेतृत्व की बदलती दिशा को भी दर्शाती है।
टिहरी में कांग्रेस आगे, नैनीताल में नए नामों का जलवा
टिहरी जिले के जाखनीधार मंदार से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी विजय पाल रावत लगभग 500 वोटों से आगे चल रहे हैं। नैनीताल के भीमताल ब्लॉक में ग्राम प्रधान और बीडीसी सीटों पर नए चेहरों ने बाजी मारी — गीता आर्य, संदीप राणा, चित्रा पंत, ममता भनवाल, तारा पलड़िया और खुशाल सिंह बिष्ट जैसे नाम विजेताओं में शामिल हैं।
मतदान से मतगणना तक उठा भरोसे का सवाल?
इस बार की मतगणना में मतदाताओं का व्यवहार जितना दिलचस्प है, उतना ही रहस्यपूर्ण भी। कहीं अंगूठा, कहीं खाली पर्ची, और कहीं सभी प्रत्याशियों को वोट! यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि उत्तराखंड की लोकतांत्रिक चेतना का असल आईना है।
