सार
देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया ने शहरों में 5जी ट्रायल साइट्स बनाई हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) ने सोमवार को बताया कि ये मेट्रो और बड़े शहर अगले साल देश में 5G सेवाएं शुरू करने वाले पहले शहर होंगे।
नई दिल्ली। आने वाले कुछ महीनों में देश के चुनिंदा शहरों में 5जी सेवा शुरू हो जाएगी। इन शहरों में गुरुग्राम, बेंगलुरू, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, दिल्ली, जामनगर, अहमदाबाद शामिल हैं। इसके अलावा चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे और गांधीनगर में भी ये सेवाएं शुरू हो सकती हैं। देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया ने इन शहरों में 5जी ट्रायल साइट्स बनाई हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) ने सोमवार को बताया कि ये मेट्रो और बड़े शहर अगले साल देश में 5G सेवाएं शुरू करने वाले पहले शहर होंगे।
इंटरनेट की दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव
5जी तकनीक लॉन्ग टर्म ईवोल्यूशन (LTE) मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क में सबसे नया अपग्रेड है। इससे पहले 2017 में 4G दूरसंचार क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाया था, जिसने लोगों को सफर करते हुए गाने सुनने और वीडियो स्ट्रीम करने की सुविधा दी। 5G को स्मार्टफोन की तुलना में कई और प्रकार के उपकरणों को जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। यह हाई कैपेसिटी और बहुत तेज स्पीड देने वाला नेटवर्क होगा। यह तकनीक पूरी तरह से रेडियो स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण होगी और इससे एक साथ कई डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा।
4जी से क्या अंतर
4G नेटवर्क सामान्यत: स्मार्टफोन के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि 5G नेटवर्क ऐसा डिजाइन किया गया है ताकि ज्यादा जगहों और काम के लिए इस्तेमाल हो सके। यह एक ही समय में कई अलग-अलग नेटवर्क के रूप में भी कार्य कर सकता है। यह नई रेडियो टेक्नोलॉजी पर काम करेगा।
IIT और IISC जैसी संस्थाएं भी प्रोजेक्ट में शामिल
5G सेवा को शुरू करने के लिए प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों और स्मार्टफोन निर्माताओं के अलावा सरकार भी सक्रिय रूप से काम कर रही है। दूरसंचार विभाग ने 5जी तकनीक के विकास और ट्रायल के लिए नामी संस्थानों के साथ अनुबंध किया है। देश की 8 एजेंसियां स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड प्रोजेक्ट में शामिल हैं। ये संस्थान IIT बॉम्बे, IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT मद्रास, IIT कानपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस प्रौद्योगिकी (CEWIT) हैं।
2018 में शुरू हुआ था काम
मेक इन इंडिया 5जी टेलीकॉम टेस्ट बेड प्रोजेक्ट 2018 में शुरू हुआ था, जो 31 दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा। इसकी फंडिंग दूरसंचार विभाग कर रहा हे। विभाग ने इस प्रोजेक्ट पर 224 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
क्या है टेस्ट बेड
टेस्ट बेड से का मतलब उत्पादों या सेवाओं के ट्रायल के लिए एक स्पेसिफिक माहौल बनाने से है। इसमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम और नेटवर्क कॉन्फिगरेशन शामिल हैं।
फाइनल स्टेज में ट्रायल
चूंकि ट्रायल फाइनल स्टेज में है, इसलिए स्पेक्ट्रम का आवंटन देश में 5जी के कॉमर्शियल लॉन्च के भाग्य का फैसला करने में महत्वपूर्ण होगा। दूरसंचार विभाग ने 5जी ट्रायल के लिए भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल को स्पेक्ट्रम आवंटित किया है। एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और मावेनिर भी ट्रायल में शामिल हैं। सितंबर 2021 में दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम की नीलीमी के लिए सिफारिशें मांगी थीं।
यह भी पढ़ें
इस दिन इंडिया में लॉन्च होगा OnePlus Nord CE 2 5G स्मार्टफोन,12 GB रैम के साथ मिलेंगे कई शानदार फीचर्स
Apple यूजर के लिए बड़ी खबर! आने वाले इस iPhone में नहीं मिलेगा Sim Card स्लॉट, पढ़े पूरी खबर