सार
एनसीएलएटी ने कहा कि दूरसंचार विभाग (डॉट) ने फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने में देरी कर दी है, जिसके चलते याचिका को खारिज कर दिया गया।
नई दिल्ली. राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के फैसले के खिलाफ दूरसंचार विभाग की याचिका को खारिज कर दिया है। इसमें कहा गया था कि दिवालिया हो चुके एयरसेल के स्पेक्ट्रम और लाइसेंस को दिवालिया प्रक्रिया के दौरान वापस नहीं लिया जा सकता है।
दूरसंचार विभाग ने आदेश के खिलाफ अपील की थी
एनसीएलएटी ने कहा कि दूरसंचार विभाग (डॉट) ने फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने में देरी कर दी है, जिसके चलते याचिका को खारिज कर दिया गया। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने एनसीएलटी की मुंबई शाखा के आदेश के खिलाफ अपील की थी। विभाग ने अपनी याचिका में इस मुद्दे को उठाया था कि दिवालिया प्रक्रिया के दौरान किसी दूरसंचार के लाइसेंस या स्पेक्ट्रम पर रोक लगाई जा सकती है या नहीं।
हालांकि, एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने पाया कि डॉट द्वारा दायर याचिका ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी), 2016 की धारा 61 के प्रावधानों के तहत तय समय में दायर नहीं की गई।
याचिका 30 दिनों के भीतर दायर करना होता है
आईबीसी के तहत एनसीएलटी द्वारा पारित किसी भी आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष 30 दिनों के भीतर याचिका दायर की जा सकती है और वाजिब कारण होने पर सिर्फ 15 का और समय मिल सकता है
(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। एशियानेट हिन्दी न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)
(प्रतिकात्मक फोटो)