सार

मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक, केकेआर, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी और जनरल अटलांटिक ने एक महीने के भीतर 10 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का निवेश किया है। अब इसमें दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। 

टेक डेस्क। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक, केकेआर, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी और जनरल अटलांटिक ने एक महीने के भीतर 10 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का निवेश किया है। अब इसमें दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। रिलायंस और माइक्रोसॉफ्ट के मैनेजमेंट के बीच इसे लेकर बातचीत चल रही है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ग्लोबल टेक फर्म माइक्रोसॉफ्ट जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है। 

एक महीने में 10 बिलियन डॉलर का निवेश
रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स में एक महीने में ही 10 बिलियन डॉलर (करीब 78,562 करोड़ रुपए) का निवेश हो चुका है। यह निवेश फेसबुक, केकेआर, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स और जनरल अटालांटिक ने किया है। फेसबुक ने सबसे पहले 22 अप्रैल को जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी और इसके लिए 43,574 करोड़ रुपए का निवेश किया। 22 मई को रिलायंस इंडस्ट्रीज की तरफ से बताया गया कि केकेआर जियो प्लेटफॉर्म्स में 11,367 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। 

माइक्रोसॉफ्ट के साथ बातचीत शुरुआती दौर में
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश को लेकर माइक्रोसॉफ्ट से रिलायंस की बातचीत शुरुआती दौर में है। इसके लेकर कुछ दिनों में तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। सत्या नडेला ने इस साल फरवरी में ही भारत में माइक्रोसॉफ्ट की बड़ी योजनाओं की शुरुआत करने की बात कही थी। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ नडेला ने कहा था कि कंपनी भारत में डाटा सेंटर खोले जाने की योजना पर काम कर रही है।

जियो प्लेटफॉर्म्स में बढ़ता ही जा रहा है निवेश
जियो प्लेटफॉर्म्स की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सबसिडियरी कंपनी के तौर पर की गई। इसका मकसद सभी डिजिटल और मोबाइल बिजनेस को एक साथ लाना था। 17 मई को इसमें न्यूयॉर्क की जनरल अटलांटिक ने 6,598.38 करोड़ का निवेश किया और इसमें 1.34 फीसदी हिस्सेदारी ले ली। जियो प्लेटफॉर्म्स के तहत ही अब रिलायंस जियो इन्फोकॉम को लाया जा रहा है। अब यही माय जियो (MyJio), जियो टीवी (JioTV), जियो न्यूज (JioNews) के साथ कंटेंट जनरेशन से जुड़े दूसरे वेन्चर्स की पेरेन्ट कंपनी होगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मकसद अगले साल मार्च तक पूरी तरह खुद को कर्जमुक्त करना है और साथ ही टेलिकॉम और रिटेल में अपनी पकड़ मजबूत बनाना है।