सार
ऑनलाइन गेम के कारण बच्चे क्रिमिनल माइंडेड होते जा रहे हैं। इसकी लत बच्चों को अपनों से दूर करती जा रही है। हाल ही में एक घटना सामने आयी कि मां के PUBG खेलने से मना करने पर बच्चे ने अपनी मां की ही जान से ली। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि अगर आपका बच्चा भी उसी ओर जा रहा है तो गेमिंग लत से कैसे उसे बचाएं और क्या करें।
नई दिल्लीः ऑनलाइन गेमिंग ने दुनियाभर के बच्चों को जकड़ लिया है। बच्चों को जहां हेल्थ लेवल पर परेशानियां होने लगी हैं, तो इन गेम से फ्रॉड के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसे रोकने के लिए ऑनलाइन गेमिंग पर भारत में टैक्स लगाने की मांग उठी है। इसके बावजूद बच्चे ऑनलाइन गेमिंग की तरफ ज्यादा झुक रहे हैं। बच्चे ही नहीं बल्कि बड़ों को भी इसकी लत लग चुकी है। हाल ही में हुई चुनिंदा घटनाएं बताती हैं कि इस लत से लोग क्रिमिनल माइंडेड हो चुके हैं। गेमिंग की वजह से हत्या, चोरी जैसी घटना आए दिन सामने आ रही है।
मेंटल हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर
कम उम्र में ऑनलाइन गेम्स की लत बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर डालती है। अगर बच्चे ऑनलाइन गेम्स खेलेंगे तो उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, घंटों ऑनलाइन गेम्स खेलने के कारण कम उम्र में बच्चों के आंखों की रोशनी कम हो सकती है वो मोटापे का शिकार हो सकते हैं, उनकी शारीरिक क्षमता घट सकती है वहीं कुछ बच्चे स्लीपिंग डिसऑर्डर या अकेले रहने के कारण डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इन सभी समस्याओं से आपके बच्चे भी जूझ रहे हैं तो उन्हें जल्द से जल्द ऑनलाइन गेम्स खेलने की लत से बाहर निकालें और इसके लिए हम आपको कुछ आसान टिप्स बताने जा रहे हैं।
साइकोलॉजिस्ट ने कहा, बुरा है लत
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, डॉ. बिन्दा सिंह बताती हैं कि ज्यादा समय तक मोबाइल फोन पर ऑनलाइन गेम खेलने की लत के कारण बच्चे गेमिंग डिसऑर्डर (Gaming Disorder) के शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह से न सिर्फ बच्चों के व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि इससे बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर हो रहा है। बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत की वजह से उनमें आपराधिक प्रवृत्ति पैदा हो रही है और इसकी वजह से उनकी पढ़ाई-लिखाई पर प्रभाव पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ऑनलाइन गेमिंग को जून 2018 में ही एक मानसिक स्वास्थ्य विकार घोषित किया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक गेमिंग डिसऑर्डर की वजह से न सिर्फ बच्चों पर ही बल्कि बड़े लोगों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। WHO ने इस लत को जुए की लत से भी ज्यादा नुकसानदायक माना है।
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने रखी थी मांग
राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ऑनलाइन गेम बड़ी चिंता का विषय है। करोड़ों युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। कोविड-19 महामारी से पहले मोबाइल गेम पर बच्चे प्रत्येक सप्ताह औसतन 2.5 घंटे का समय बिताते थे। ये जो लॉकडाउन में बढ़कर 5 घंटे हो गया। आज 43 करोड़ से ज्यादा यूजर्स ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं। अनुमान है कि 2025 तक यह आंकड़ा 65.7 करोड़ हो जाएगा। मोदी ने कहा कि युवाओं में ऑनलाइन गेम के क्रेज लॉकडाउन के बाद तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि युवाओं में इसके बढ़ते एडिक्शन को रोकने के लिए तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि इन राज्यों के संबंधित उच्च न्यायालयों ने इसे खारिज कर दिया। ऑनलाइन गेम्स पर नियंत्रण के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क तैयार करके सरकार को टैक्स लगाना चाहिए। ऐसा नहीं किया तो देश के करोड़ों बच्चों को ऑनलाइन गेम की आदत से रोक नहीं पाएंगे।
चीन में ऑनलाइन गेमिंग में सख्ती
चीन में भी बच्चे काफी ज्यादा ऑनलाइन गेम खेलते हैं। इस वजह से चीन ने ऑनलाइन गेमिंग के नियम में बदलाव किया। 1 सितंबर से 18 साल से कम उम्र के बच्चे हफ्ते में सिर्फ तीन घंटे ही ऑनलाइन गेम खेल सकेंगे। शुक्रवार, शनिवार और रविवार को रोज सिर्फ एक घंटा ही गेम का लुत्फ उठा सकेंगे। अगर सरकारी छुट्टी है तो वह दिन एक्स्ट्रा मिलेगा। नए नियमों को लागू कराना गेमिंग कंपनियों की जिम्मेदारी होगी। अगर वे ये नियम लागू नहीं करा पाईं तो उन्हें ही इसका जुर्माना भी चुकाना होगा।
ऑनलाइन गेमिंग के नुकसान
बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति का बढ़ना।
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर विपरीत असर।
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर।
बच्चों में सोशल आइसोलेशन की आदत।
ऑनलाइन हिसंक गेमिंग की लत से सीरियस हेल्थ डिसऑर्डर।
बच्चों में सुसाइड की घटना का बढ़ना।
बच्चे को ऑनलाइन गेम्स के नुकसान की दें जानकारी
अगर आपका बच्चा भी ऑनलाइन गेम्स की लत (onilne games addiction) का शिकार है तो आपको उसे इसके नुकसान के बारे में बताना चाहिए। ऑनलाइन गेम्स का असर न सिर्फ बच्चे के दिमाग पर पड़ता है बल्कि उसकी आंखों पर भी ऑनलाइन गेम्स खेलने का बुरा असर पड़ता है। आप जब बच्चे को ऑनलाइन गेम्स के नुकसान के बारे में जानकारी देंगे तो वो थोड़े समय में इससे बाहर निकल आएगा क्योंकि जो माता-पिता अपने बच्चों को डांटकर किसी चीज को रोकने की कोशिश करते हैं उनके बच्चे अक्सर जिद्दी या गुस्से वाले स्वभाव के बन जाते हैं।
बच्चे के ऑनलाइन गेम्स खेलने की समय-सीमा तय करें
आपको बच्चे से बात करके उसके रूटीन के मुताबिक ऑनलाइन गेम्स खेलने की समय सीमा तय करनी चाहिए। समय सीमा तय करने से बच्चे एक सीमित समय तक ही ऑनलाइन गेम्स खेल पाएंंगे। अगर वो लैपटॉप या फोन पर ऑनलाइन गेम्स (online games) खेलते हैं तो आप एक तय सीमा के बाद उनसे फोन या लैपटॉप ले लें, फिर धीरे-धीरे करके आप गेम्स खेलने की अवधि को घटाते जाएं।
आप बच्चे के साथ वक्त बिताएं
सबसे जरूरी है कि आप बच्चे के साथ समय बिताएं। अगर आप बच्चे को समय देंगे तो हो सकता है वो ऑनलाइन गेम्स खेलने की लत से बाहर जाएं। अक्सर जो बच्चे अकेला महसूस करते हैं वो जल्दी ऐसी एक्टीविटी में बिजी हो जाते हैं जिससे वो बाहरी दुनिया से अलग हो जाते हैं पर आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि आप बच्चे को पूरा समय दें ताकि उसे ऐसी एक्टिविटी की जरूरत न पड़े। आप बच्चे के साथ उसकी कोई हॉबी में साथ दे सकते हैं या खुद फिजिकल गेम्स साथ में खेल सकते हैं।
बच्चे को घुमाने लेकर जाएं
आप बच्चे को ऑनलाइन गेम्स खेलने की लत (online games addiction) से बचाना चाहते हैं तो आपको बच्चे को बाहर लेकर जाना चाहिए। कई बच्चे बाहर जाने से हिचकिचाते हैं और इस कारण वो घर में ही अपने समय को बिताने का जरिया ढूंढ लेते हैं पर अगर आप बच्चे को ऑनलाइन गेम्स खेलने की लत से बचाना चाहते हैं तो बच्चे को बाहर लेकर जाएं, आउटडोर एरिया में रहने की आदत सीखने से बच्चा खुद बाहर जाकर खेलना पसंद करेगा। अगर आपका बच्चा आउटडोर गेम्स नहीं खेलता है तो आप उसे अपने साथ वॉक या एक्सरसाइज पर बाहर लेकर जाएं इससे बच्चे की आदत बनेगी और वो आउटडोर गेम्स के लिए खुद को तैयार कर पाएगा।
बच्चे को फ्री टाइम में कुछ एक्टिविटी करने की सलाह दें
अगर आपका बच्चा ऑनलाइन गेम्स खेलने की लत से जूझ रहा है तो आप उसे अपना फ्री टाइम सही जगह यूज करने की सलाह दें, ऑनलाइन गेम्स खेलने वाले बच्चे अक्सर बेहद शॉर्प माइंड के होते हैं, ऐसे बच्चों के लिए विभिन्न ऑर्गेनाइजेशन क्विज शो या ओलंपियाड शोज करवाते रहते हैं, आप अपने बच्चे को लेकर ऐसे लाइव प्रोग्राम में लेकर जाएं ताकि बच्चे की क्रिएटिविटी सही जगह काम आए और इस अप्रोच से भी आप बच्चे को ऑनलाइन गेम्स खेलने की लत से बचा सकते हैं। यह ध्यान रखें कि आपका बच्चा ऑनलाइन गेम खरीदने के लिए आपके बैंक या कार्ड्स का इस्तेमाल ना करे। बच्चों को खाली समय में पेंटिंग, खेलकूद करने के बारे में कहें। लोगों से मेलजोल बढ़ाने को भी कहें।
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