सरकार के अनुसार, AI नौकरियों के लिए खतरा नहीं, बल्कि नए अवसर पैदा कर रहा है। नैसकॉम रिपोर्ट के मुताबिक, 2027 तक भारत का AI टैलेंट बेस 12.5 लाख से अधिक हो जाएगा। सरकार फ्यूचरस्किल्स प्राइम जैसे कार्यक्रमों से कौशल विकास को बढ़ावा दे रही है।

नई दिल्ली: दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से उद्योगों में बदलाव आ रहा है। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का डर भी एक आम बात हो गई है। मंगलवार को जारी एक ईयर-एंडर नोट में, सरकार ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अक्सर नौकरियों के लिए खतरा माना जाता है, लेकिन असल में यह नए तरह के मौके बना रहा है।

इस भ्रम को दूर करते हुए, सरकार ने "एडवांसिंग इंडियाज एआई स्किल्स" नाम की नैसकॉम की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 तक लगभग 6 से 6.5 लाख पेशेवरों से बढ़कर 12.5 लाख से ज्यादा हो जाएगा, जो 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर है। एआई डेटा साइंस, डेटा क्यूरेशन, एआई इंजीनियरिंग और एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया, "अगस्त 2025 तक, लगभग 8.65 लाख उम्मीदवारों ने उभरती टेक्नोलॉजी के अलग-अलग कोर्स में दाखिला लिया है या ट्रेनिंग ली है, जिसमें एआई और बिग डेटा एनालिटिक्स में 3.20 लाख शामिल हैं।"

इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा शुरू किए गए फ्यूचरस्किल्स प्राइम पर भी प्रकाश डाला गया, जिसका मकसद भविष्य के लिए वर्कफोर्स को तैयार करना है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो आईटी पेशेवरों को एआई सहित 10 नई और उभरती टेक्नोलॉजी में फिर से कौशल सिखाने (reskilling) और उनके कौशल को बेहतर बनाने (upskilling) पर केंद्रित है।

रिपोर्ट में कहा गया, “अगस्त 2025 तक, फ्यूचरस्किल्स प्राइम पोर्टल पर 18.56 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने साइन अप किया था, और 3.37 लाख से ज्यादा ने अपने कोर्स सफलतापूर्वक पूरे कर लिए थे।” रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे एआई शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण को नया आकार दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सुप्रीम कोर्ट के ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट फेज III के तहत, न्याय प्रणाली को ज्यादा कुशल और सुलभ बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों को जोड़ा जा रहा है।

इसमें कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसके सबसेट जैसे मशीन लर्निंग, ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का इस्तेमाल अनुवाद, भविष्यवाणी, प्रशासनिक दक्षता, स्वचालित फाइलिंग, इंटेलिजेंट शेड्यूलिंग और चैटबॉट के माध्यम से संचार में किया जा रहा है। हाई कोर्ट में एआई अनुवाद समितियां सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद की देखरेख कर रही हैं। ई-एचसीआर और ई-आईएलआर जैसे डिजिटल कानूनी प्लेटफॉर्म अब नागरिकों को कई क्षेत्रीय भाषाओं में फैसलों तक ऑनलाइन पहुंच प्रदान करते हैं, जिससे न्याय वितरण ज्यादा पारदर्शी और समावेशी हो रहा है।