सार
मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल न करने वाले लोग ढूंढना मुश्किल है। आजकल हर किसी के पास कम से कम एक कीबोर्ड मोबाइल तो होता ही है। पिछले एक दशक में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या भी बढ़ी है। अब 5G स्मार्टफोन मार्केट में आ रहे हैं, लेकिन यूजर्स को मोबाइल इस्तेमाल करने के कुछ तरीके पता होने चाहिए। ये छोटी-छोटी बातें स्मार्टफोन की लाइफ बढ़ा देती हैं। कुछ लोग दिन में पाँच-छह बार स्मार्टफोन रीस्टार्ट करते हैं। कुछ लोग रीस्टार्ट ही नहीं करते। उन्हें लगता है कि फ़ोन रीस्टार्ट करने की ज़रूरत नहीं है।
आज हम आपको बताएंगे कि कितने दिनों में स्मार्टफोन रीस्टार्ट करना चाहिए। रीस्टार्ट करने के क्या-क्या फायदे हैं, इसकी जानकारी भी इस लेख में है। रीस्टार्ट करने से स्मार्टफोन स्लो या हैंग होना कम हो जाता है। आप फ़ोन को कैसे इस्तेमाल करते हैं, इस पर उसकी लाइफ निर्भर करती है।
कितने दिनों में रीस्टार्ट करना चाहिए?
हज़ारों रुपये देकर ख़रीदे गए स्मार्टफोन की परफॉर्मेंस अच्छी रहे और वो लंबे समय तक चले, इसके लिए हफ़्ते में एक बार रीस्टार्ट ज़रूर करें। नहीं तो मोबाइल की परफॉर्मेंस कम हो जाती है और वो ठीक से काम नहीं करता। कोई भी ऐप ओपन करने में ज़्यादा समय लगता है। रीस्टार्ट करने से मेमोरी, प्रोसेसर रिफ्रेश हो जाते हैं। इसलिए कम से कम हफ़्ते में एक बार अपना स्मार्टफोन रीस्टार्ट करें।
अगर स्मार्टफोन स्लो चल रहा है, बार-बार हैंग हो रहा है, ऐप्स ओपन करते ही होम स्क्रीन पर आ जाता है, नेटवर्क ऑफ/ऑन हो रहा है, तो रीस्टार्ट करना ज़रूरी है। कई बार ऐप्स क्रैश हो जाते हैं। बैटरी बैकअप भी कम हो जाता है। फ़ोन भी एक मशीन है, उसे ठंडा होने के लिए समय चाहिए। इसलिए रीस्टार्ट करते रहना चाहिए। हफ़्ते में एक बार फ़ोन रीस्टार्ट करने से ये समस्याएं बार-बार नहीं आतीं।