Starlink India Price Leak: स्टारलिंक के भारत में लॉन्च और कीमतों की खबरें एक तकनीकी गलती थीं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि आधिकारिक कीमतें अभी घोषित नहीं हुई हैं और ऑर्डर नहीं लिए जा रहे। हालांकि, कंपनी लाइसेंस मिलने के बाद लॉन्च की तैयारी कर रही है।

नई दिल्ली: हाल ही में, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस, स्टारलिंक ने भारत में अपना रेजिडेंशियल प्लान शुरू कर दिया है। स्टारलिंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर भारत के लिए प्लान्स की कीमत भी दिखने लगी थी। इसमें ₹8,600 महीने का सब्सक्रिप्शन, ₹34,000 का हार्डवेयर किट और अनलिमिटेड डेटा शामिल था। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि यूजर्स को 30 दिन का ट्रायल भी मिलेगा। लेकिन, कुछ ही घंटों बाद स्टारलिंक के अधिकारियों ने इसे एक गलती बताया। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

स्टारलिंक के वाइस प्रेसिडेंट ने दी सफाई

स्पेसएक्स की एग्जीक्यूटिव और स्टारलिंक बिजनेस ऑपरेशंस की वाइस प्रेसिडेंट, लॉरेन ड्रेयर ने साफ किया कि एक अस्थायी कॉन्फ़िगरेशन गलती की वजह से कुछ डमी टेस्ट डेटा दिख गया था, लेकिन यह भारत के लिए स्टारलिंक की असली कीमतें नहीं हैं। ड्रेयर ने एक्स (ट्विटर) पर बताया कि स्टारलिंक इंडिया की वेबसाइट अभी भी चालू नहीं है, इसलिए भारत में ग्राहकों के लिए सर्विस की कीमतें अभी तक घोषित नहीं की गई हैं और हम भारतीय ग्राहकों से ऑर्डर नहीं ले रहे हैं।

भारत में तेजी से कदम बढ़ा रहा स्टारलिंक

इस बीच, लॉन्च से पहले स्टारलिंक भारत में अपनी मौजूदगी तेजी से बढ़ा रही है। पिछले कुछ महीनों में, कंपनी ने भारत में विस्तार के लिए कई कदम उठाए हैं। अक्टूबर के आखिर में, स्पेसएक्स ने बेंगलुरु ऑफिस के लिए पेमेंट मैनेजर, अकाउंटिंग मैनेजर, सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट और टैक्स मैनेजर जैसी पोस्ट के लिए भर्तियां निकाली थीं। ये जॉब पोस्टिंग स्टारलिंक के अंतरराष्ट्रीय विस्तार की योजनाओं का भी संकेत देती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अपने नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए भारत के कई शहरों में ग्राउंड स्टेशन बनाने की भी तैयारी कर रही है।

भारत में गेटवे अर्थ स्टेशन लगाने की योजना

रिपोर्ट्स हैं कि स्टारलिंक भारत के कई शहरों में गेटवे अर्थ स्टेशन लगाने की योजना बना रहा है, जिनमें चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और नोएडा शामिल हैं। ये स्टेशन सैटेलाइट और जमीन पर मौजूद रिसीवर के बीच कनेक्शन बनाए रखेंगे, जिससे एक स्थिर और तेज इंटरनेट सर्विस सुनिश्चित होगी।

सरकारी मंजूरी और लाइसेंस

इस साल जुलाई में, स्टारलिंक को दूरसंचार विभाग (DoT) से पांच साल का लाइसेंस मिला था। इस लाइसेंस ने कंपनी को भारत में कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने की इजाजत दे दी। अब कंपनी ऑफिशियल लॉन्च से पहले अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और हायरिंग प्रोसेस को फाइनल कर रही है।

भारत के लिए एलन मस्क के क्या हैं स्टारलिंक प्लान्स?

हाल ही में एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में, एलन मस्क ने कहा कि स्टारलिंक दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है और भारत कंपनी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाजार है। उन्होंने संकेत दिया कि भारत में स्टारलिंक का विस्तार कंपनी के ग्लोबल मिशन को और मजबूत करेगा। स्टारलिंक ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, जहां अभी भी अच्छी इंटरनेट पहुंच नहीं है।