सार

अमेरिका के न्यूजर्सी में स्कूली बच्चों ने एआई की मदद से अपनी क्लासमेट्स की शर्मनाक फोटोज बनाई है। यह मामला बीते साल अक्टुबर में उजागर हुआ था। एआई की मदद से कई काम आसान हो सकते है लेकिन इस टेक्नालॉजी का गलत इस्तेमाल बेहद खतरनाक हो सकता है। 

टेक डेस्क. लोग अपने कामों को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का इस्तेमाल करते हैं। कई लोग इसका एआई का दुरुपयोग भी करते है। इसी तरह का मामला अमेरिका के न्यूजर्सी में देखने को मिला था। बीते साल एक बच्चे ने एआई के इस्तेमाल कर 14 साल की बच्ची का आपत्तिजनक तस्वीर बनाई थी। अब वह बच्चा छूट कर फिर से स्कूल जाने लगा है।

पीड़िता की मां का कहना कि मामले में आरोपियों को कड़ी सजा नहीं मिली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले के सभी आरोपी अब स्कूल आने लगे है। स्कूल प्रशासन ने बच्चों की पहचान उजागर न हो इसलिए जानकारी देने से मना कर दिया।

जानें क्या हैं मामला

बीते साल 20 अक्टूबर को पीड़िता को पता चला कि उसके क्लासमेट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें बनाई हैं। इस मामले में बाद में खुलासा हुआ कि क्लास की कई लड़कियों कि डीपफेक फोटोज बनाई गई थी।

इतना ही नहीं इन तस्वीरों को स्नैपचैट पर शेयर किया गया था। इस प्लेटफॉर्म पर मैसेज के ऑटो-डिलीट का भी ऑप्शन है। इस मामले में क्लास के कुछ लड़के शामिल थे।

AI के मदद से बढ़ रहा साइबर क्राइम

यह कोई पहला मामला नहीं हैं, जिसमें AI के इस्तेमाल से साइबर क्रिमिनल्स की मदद से डीपफेक तस्वीरें बनाकर ब्लैकमेल या दूसरे तरह का साइबर अपराध करते है। ऐसा ही एक मामला कुछ समय पहले सामने आया था, जिसमें रश्मिका मंधाना का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था। इतना ही नहीं कई हस्तियों के इस तरह के फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके है। डीपफेक एक बड़ी समस्या बनकर सामने आया है।

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