सार
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से यह कदम उठाया गया है। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि जिन ऐप्स को प्रतिबंधित किया गया है, वे सभी आईटी एक्ट की धारा 69 का उल्लंघन कर रहे थे। इससे भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा था।
टेक डेस्क : ड्रैगन यानी चीन (China) के खिलाफ भारत सरकार ने एक और डिजिटल स्ट्राइक की है। सरकार ने देश में चल रहे 232 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया है। इनमें 138 ऐप सट्टा लगवाने का काम करते थे, जबकि 94 ऐसे ऐप्स थे, जो लोगों को लोन देने का काम करते थे। ऐप्स को बैन करने की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय की सलाह पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आपातकालीन तौर पर लिया है।
जबरन वसूली करते थे ऐप्स
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से यह कदम उठाया गया है। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि जिन ऐप्स को प्रतिबंधित किया गया है, वे सभी आईटी एक्ट की धारा 69 का उल्लंघन कर रहे थे। इस पर मौजूद कंटेंट से भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा था। इन ऐप्स के खिलाफ कई लोगों ने शिकायत भी की थी। उन्होंने बताया था कि ऐप्स उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। जबरन वसूली की शिकायतें भी मिली थी। यही कारण है कि इन चीनी ऐप्स के खिलाफ सरकार ने एक्शन लिया है।
Loan का लालच देकर फंसाते, वसूलते 3000% ब्याज
जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने जिन लोन ऐप पर प्रतिबंध लगाया है, उसके पीछे ड्रैगन का दिमाग काम कर रहा था। इन ऐप्स ने भारतीयों को अपना डायरेक्टर बना रखा था। गरीब और आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को ये ऐप अपने कर्ज के जाल में आसानी से फंसा लेते थे और उन्हें लोन का लालच देते थे। लोन देने के बाद ये कर्ज का ब्याज 3,000 प्रतिशत तक बढ़ा देते थे। गृह मंत्रालय को जो इनपुट मिला था, उसके आधार पर करीब 6 महीने पहले लोन देने वाली 28 चीनी ऐप्स का विश्लेषण शुरू कर दिया गया था। फिर पता चला कि इस तरह के 94 ऐप हैं, जो लोन देते और जबरन वसूली का काम करते हैं। इनमें से कुछ तो ऐप ई-स्टोर्स पर ही मौजूद हैं और कुछ थर्ड पार्टी लिंक के माध्यम से अपना काम निकाल रहे थे।
पहले भी बैन हो चुकी हैं चीनी ऐप्स
यह कोई पहला मौका नहीं है, जब भारत सरकार ने चीनी ऐप्स को बंद किया है। पिछले साल ही सरकार ने चीन समेत अलग-अलग देशों द्वारा बनाए गए 348 मोबाइल ऐप्स को ब्लॉक कर दिया था। इन ऐप्स को लोगों की प्रोफाइलिंग के लिए उनके पर्सनल डेटा इकट्ठा करना और गलत तरीके से विदेशों में भेजने का दोषी पाया गया था। इससे पहले सितंबर, 2020 में भी डेटा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए सरकार ने 117 चीनी ऐप्स को ब्लॉक कर दिया था। उस लिस्ट में PUBG, Camscanner जैसी लोकप्रिय ऐप भी थे।
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