सार

भारत में चाइनीज मोबाइल की खूब डिमांड है। सबसे ज्यादा Xiaomi के फोन भारतीय खरीदते हैं। इसके बाद ओप्पो और वीवो का नंबर आता है। देश में इन कंपनियों का कारोबार करोड़ों में है। अब सरकार ने इसको लेकर नया नियम तैयार किया है।

टेक डेस्क : Xiaomi, Oppo, Realme और Vivo जैसी चाइनीज मोबाइल कंपनियों के लिए बड़ी खबर आ रही है। भारत सरकार ने चीनी मोबाइल कंपनियों के लिए नया प्लान तैयार कर लिया है। अब इन कंपनियों को इस प्लान के आधार पर ही भारत में कारोबार करना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि चीनी कंपनियों को अपने लोकल ऑपरेशन्स में इंडियन इक्विटी पार्टनर्स को शामिल करना ही होगा। मतलब इन कंपनियों को CEO, मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO), मुख्य तकनीकी अधिकारी (CTO) जैसे पद भारतीयों को देने होंगे। इन पदों पर उन्हीं की नियुक्ति की जाएगी।

चाइनीज मोबाइल कंपनियों को मानने पड़ेंगे नए रूल्स

इतना ही नहीं इन कंपनियों को इंडियन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफेक्टर्स को अपॉइंट करने, मैन्युफैक्टरिंग को जॉइंट एंटरप्राइजेज के जरिए लोकल लेवल तक बढाने, भारत से निर्यात को बढ़ाने और सिर्फ लोकल मैन्युफैक्चर की नियुक्ति जैसे नियम को मानना पड़ेगा। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि इन कंपनियों को टैक्स पॉलिसीज को भी फॉलो करना होगा।

चाइनीज कंपनियों के लिए नए नियम

चाइनीज कंपनियों के लिए नए रुल्स इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की तरफ से तैयार किए गए हैं। चीनी मोबाइल फर्म और इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) की केंद्र सरकार के साथ मीटिंग भी हो चुकी है। इस बैठक में ही इन नए रूल्स की जानकारी दी गई। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि कई चीनी स्मार्टफोन कंपनियां टैक्स चोरी और कथित तौर पर हजारों करोड़ रुपए का अवैध लेनदेन के लिए जांच के दायरे में हैं।

नए रूल्स की जरूरत क्यों

भारत सरकार की तरफ से नए रूल्स इसलिए भी बनाए गए हैं ताकि चाइनीज कंपनियां इंडियन लोकल टैलेंट का लाभ उठाएं और भारत में प्रोडक्ट को मैन्युफैक्चर कर विदेशों तक भेजें। जिससे छोटे लेवल पर भी रोजगार को बढ़ावा मिल सके। बता दें कि भारत में सबसे ज्यादा चीनी मोबाइल कंपनियों के फोन बिकते हैं। इसमें शाओमी नंबर एक पर है। इसके बाद ओप्पो, वीवो के फोन की डिमांड है।

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