बढ़ती मांग और कंप्यूटिंग लोड के कारण, गूगल और ओपनएआई ने अपने मुफ्त AI टूल्स पर सीमाएं लगा दी हैं। अब फ्री यूजर्स जेमिनी, सोरा और नैनो बनाना प्रो का सीमित उपयोग ही कर पाएंगे, जिसमें प्रतिदिन 2 तस्वीरें और 6 वीडियो शामिल हैं।

कैलिफोर्निया: गूगल के एआई टूल्स का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है। लोग नैनो बनाना प्रो का इस्तेमाल करके नई तस्वीरें बनाते हैं। इसी तरह, ओपनएआई के सोरा एआई मॉडल का उपयोग करके वीडियो बनाना भी काफी पॉपुलर है। लेकिन अब गूगल और ओपनएआई ने इन टूल्स को मुफ्त में इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को एक झटका दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने 'नैनो बनाना प्रो' और 'जेमिनी 3 प्रो' के फ्री यूजर्स के लिए और ओपनएआई ने सोरा एआई यूजर्स के लिए इस्तेमाल की एक सीमा तय कर दी है।

एआई कंपनियों ने लिमिट क्यों लगाई?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहुत ज़्यादा डिमांड और कंप्यूटिंग में आ रही मुश्किलों की वजह से एआई कंपनियों ने इस्तेमाल पर लिमिट लगाने का यह कदम उठाया है। अब से, लोग इन एआई टूल्स के ज़रिए एक तय लिमिट के अंदर ही फोटो और वीडियो बना पाएंगे। गूगल के नैनो बनाना प्रो के फ्री यूजर्स अब एक दिन में सिर्फ दो तस्वीरें ही बना सकेंगे। पहले यह लिमिट हर दिन तीन तस्वीरों की थी। इसी तरह, जेमिनी 3 प्रो का फ्री इस्तेमाल भी सीमित कर दिया गया है। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने सब्सक्राइब नहीं किया है, वे जेमिनी से ज़्यादा सवाल नहीं पूछ पाएंगे। 

भारी कंप्यूटेशनल ज़रूरतें एआई कंपनियों के लिए एक सीमा

वहीं, ओपनएआई के सोरा एआई मॉडल का इस्तेमाल करके वीडियो बनाने पर भी पाबंदियां तुरंत लागू होंगी। प्लेटफॉर्म की भारी-भरकम कंप्यूटेशनल ज़रूरतों का हवाला देते हुए, ओपनएआई में सोरा के हेड बिल पीबल्स ने वीडियो इस्तेमाल में भारी कटौती का ऐलान किया है। कंपनी ने पुष्टि की है कि फ्री यूजर्स अब हर दिन सिर्फ छह वीडियो ही बना पाएंगे। जब कोई यूजर एआई से बनी फोटो पाता है या कोई सवाल पूछता है, तो इससे एआई टूल्स के जीपीयू पर लोड पड़ता है। जब लोड ज़्यादा होता है, तो सवाल का जवाब देने और फोटो बनाने में ज़्यादा समय लगता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी से बचने के लिए टेक कंपनियों ने फ्री इस्तेमाल पर लिमिट लगाने का यह कदम उठाया है।