किचन में काम करते वक्त अक्सर ऐसा होता है कि हमारी कुछ चीजें खराब हो जाती हैं या कोई चीज सही से नहीं बनती है। तो इसे लेकर मास्टर शेफ पंकज भदौरिया ने इजी टिप्स शेयर किए हैं।
मानसून देश के अमूमन हर हिस्से में पहुंच चुकी है। झमाझम बारिश से लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिली है। लेकिन मानसून के मौसम में सबसे ज्यादा चिंता हेल्थ को लेकर होती है। इस मौसम में बीमारियां बढ़ जाती है।लेकिन आयुर्वेद के कुछ टिप्स को फॉलो करके इससे दूर रहा जा सकता है।
वास्तु के कुछ नियमों का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो भवन में रहने वाले सभी लोग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं। जिस घर में वास्तु दोष होता है, वहां रहने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सेहत से जुड़ी परेशानियां भी इनमें से एक है।
परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य और उनके जीवन की खुशहाली के लिए यह जरूरी है कि आपके घर में रसोई भी वास्तु सम्मत हो। रसोई, घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
किचन घर का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा होता है। महिलाएं अपना काफी समय यहां बीताती हैं, इसलिए इसका वास्तु सम्मत होना बहुत जरूरी है।
किचन घर के सबसे जरुरी हिस्सों में से एक होता है। इसलिए किचन बनवाते समय वास्तु नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में सूर्य को बहुत की खास माना गया है। क्योंकि ऊर्जा का सबसे बड़ा केंद्र सूर्य ही है। वास्तुशास्त्र के सिद्धांत सूर्य को ही ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
वास्तु शास्त्र के ग्रंथों में भोजनशाला यानी किचन को बहुत ही खास माना गया है। वराहमिहिर के ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता में बताया गया है कि घर का किचन पूर्व और दक्षिण दिशा के बीच में होना चाहिए।
किचन घर का महत्वपूर्ण स्थान होता है। किचन में अगर वास्तु दोष हो तो उसका सबसे ज्यादा नेगेटिव इफेक्ट परिवार की महिलाओं पर ही पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन घर की महिलाओं पर सबसे ज्यादा असर डालता है। क्योंकि वे ही सबसे ज्यादा समय किचन में गुजारती हैं। किचन किस दिशा में है, ये बात भी सबसे ज्यादा इफेक्ट करती है।