14 अक्टूबर, शनिवार को पहले हस्त नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद चित्रा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन इंद्र और वैधृति नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 09:19 से 10:46 तक रहेगा।
Sarva Pitru Amavasya 2022: श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन बहुत ही खास होता है। इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति श्राद्ध पक्ष में किसी कारणवश पिंडदान न कर पाया हो तो इस दिन वो ये सभी काम कर सकता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
Shraddha 2022 Date: भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष रहता है। हिंदू धर्म में इन 16 दिनों का विशेष महत्व माना गया है। इन 16 दिनों में लोग अपने मृत पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा, उपाय आदि करते हैं।
अधिकांश लोग सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) को केवल पितरों की मुक्ति का दिवस ही मानते हैं, लेकिन वास्तव में यह अमावस्या आपके अशुभ ग्रहों को शांत करके शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ाने वाली भी कही गई है।
अश्विन महीने की अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) पर कई तरह के धार्मिक कार्य यानी श्राद्ध, तर्पण, पूजा-पाठ और दान करने की परंपरा है। ग्रंथों के मुताबिक इस तिथि पर कालसर्प और पितृ दोष निवारण के लिए पूजा की जाती है।
इन दिनों श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha 2021) चल रहा है, जो 6 अक्टूबर तक रहेगा। श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा व अनुष्ठान आदि किए जाते हैं। श्राद्ध पक्ष में प्रमुख तीर्थ स्थलों में भी लोगों की भीड़ उमड़ती है।