सार

यहां कोलुरु गांव में खेत पर काम से गए मां-बेटे की डूबने से मौत हो गई। वहीं इस घटना के दौरान 11 साल की लड़की ने बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी मौसी को डूबने से बचा लिया।

ट्रेंडिंग डेस्क. बेंगलुरु के डोडाबल्लापुर से एक ह्रदय विदारक घटना सामने आई है। यहां कोलुरु गांव में खेत पर काम से गए मां-बेटे की डूबने से मौत हो गई। वहीं इस घटना के दौरान 11 साल की लड़की ने बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी मौसी को डूबने से बचा लिया। ये घटना रविवार दोपहर की बताई जा रही है।

ऐसे हुआ हादासा

पुलिस के मुताबिक कोलुरु गांव में रहने वाली रूपा (35), उसकी बेटी, कीर्थाना (11), बेटा हेमंत (9) और रूपा की चचेरी बहन प्रेमा (45) रविवार दोपहर को अपने खेत पहुंचे थे। सभी यहां अरहर की दाल की कटाई करने पहुंचे थे। तभी 9 वर्षीय हेमंत हाथ पैर धोने के लिए पास ही बने तालाब पर चला गया। चिकनी मिट्टी होने की वजह से हेमंत का पैर फिसला और वह डूबने लगा। ये देख उसकी मां रूपा और मौसी प्रेमा भी दौड़ते हुए वहां पहुंचीं।

बेटे को बचाने कूदी मां, फिर मौसी

बेटे को बचाने के लिए रूपा ने तालाब में छलांग लगा दी पर वह भी डूबने लगी। रूपा को बचाने के लिए प्रेमा भी तालाब में उतर गई पर वह भी नहीं संभल पाई। ये देख 11 साल की कीर्थाना ने दिमाग दौड़ाया और खुद तालाब में कूदने की जगह ड्रिप इरिगेशन में इस्तेमाल होने वाली पाइप मदद के लिए तालाब में फेंकी, जिसे उसकी मौसी प्रेमा ने पकड़ लिया। कीर्थाना जानती थी कि वह अपनी मौसी को बाहर अकेले नहीं खींच पाएगी इसलिए उसने पाइप को पपीते के पेड़ से बांध दिया और प्रेमा को जैसे-तैसे बचा लिया पर उसकी मां और भाई पानी में डूब चुके थे।

तो सबकी हो जाती मौत…

दोनों ने भागकर गांव वालों को मदद के लिए बुलाया पर देर हो चुकी थी। दुर्भाग्यवश रूपा और उसके बेटे की डूबने से मौत हो गई थी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भिजवाया और फिर परिजनों को सौंप दिया। पुलिस को ग्रामीणों ने बताया कि कक्षा 5वीं की छात्रा कीर्थाना ने बेहद समझदारी और बहादुरी का परिचय दिया। वह जानती थी कि अगर वह भी पानी में कूद जाती तो क्या अंजाम होता।

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