सार
एक अमेरिकी कंटेंट क्रिएटर, क्रिस्टन फिस्कर, ने भारत आकर अपनी जीवनशैली में दस महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं और उन बदलावों को एक वीडियो में साझा किया है जो अब वायरल हो गया है।
क्रिस्टन फिस्कर द्वारा शेयर किया गया वीडियो पूरी दुनिया में छाया हुआ है और खूब वायरल हो रहा है. अमेरिका की इस कंटेंट क्रिएटर क्रिस्टन फिस्कर ने अपनी लाइफस्टाइल में किए गए बदलाव के बारे में बताते हुए एक वीडियो शेयर किया है. यह वीडियो अब तक 2 मिलियन से ज़्यादा बार देखा जा चुका है और खूब वायरल हो रहा है. तो आइए देखते हैं, आखिर इसमें ऐसा क्या ख़ास है?
क्रिस्टन फिस्कर ने बताया है कि, मैं अमेरिका से इंडिया आकर अपनी लाइफस्टाइल में दस तरह से बदलाव लेकर आई हूँ. इससे मुझे बहुत मदद मिली है. भारतीय जीवन पद्धति, खानपान, इत्यादि वाकई में बहुत अच्छे हैं, ऐसा कहना है क्रिस्टन फिस्कर का. तो आइए जानते हैं उन्होंने क्या-क्या बदलाव अपनाए हैं..
1. मैं शाकाहारी बन गई हूँ: सबसे पहले तो मैं मांसाहारी थी, यहाँ आकर शाकाहारी बन गई हूँ. भारत का खानपान, यानी खाने का तरीका बहुत अच्छा है. इसमें शाकाहार भी शामिल है, जीव हत्या छोड़कर शाकाहार अपनाने से मेरी सेहत भी अच्छी रहती है. साथ ही, शाकाहार दिमाग के लिए भी अच्छा होता है' ऐसा कहना है क्रिस्टन फिस्कर का.
2. क्रिस्टन फिस्कर ने बताया है कि, मैं यहाँ अब इंडियन कपड़े ही पहनती हूँ. हल्के वज़न वाले सूती कपड़े यहाँ के गर्म मौसम के लिए एकदम सही रहते हैं. यहाँ के कुर्ते तो मैं रोज़ पहनती हूँ, यह बहुत ही आरामदायक और अच्छे लगते हैं.
3. भारत की राजधानी में सार्वजनिक परिवहन सेवा यानी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public Transport) बहुत अच्छी है. दुनियाभर में दिल्ली में सबसे अच्छे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध है, यहाँ खुद की गाड़ी की ज़रूरत बहुत कम पड़ती है. अमेरिका में ऐसी सुविधा बहुत कम है, हर जगह जाने के लिए गाड़ी पर ही निर्भर रहना पड़ता है.
4. भारतीयों ने चाय पीने को अपनी ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बना लिया है. ज़्यादातर लोग यहाँ रोज़ चाय पीते हैं. पहले मुझे चाय पीने की आदत नहीं थी. यहाँ आने के बाद मैंने यह आदत डाली है और अब यह मेरा सबसे पसंदीदा पेय बन गया है. थैंक्स टू इंडिया, ऐसा कहने वाली क्रिस्टन फिस्कर का मानना है कि, शायद यह मेरी ज़िन्दगी के सबसे अच्छे दिन हैं जिन्हें मैं हमेशा याद रखूंगी. और मैं इस ज़िन्दगी को जीने के लिए मिली एक छोटी सी छुट्टी मानती हूँ.
5. क्रिस्टन फिस्कर ने अपने बच्चों का दाखिला यहाँ के प्राइवेट स्कूल में करवाया है. यहाँ के प्राइवेट स्कूल बहुत कम ख़र्चिले और अच्छी क्वालिटी वाले हैं. लेकिन, अमेरिका में इतने कम ख़र्च में बच्चों को अच्छी शिक्षा देना नामुमकिन है. यहाँ के प्राइवेट स्कूल में पढ़कर मेरे बच्चे ज़िन्दगी में ज़रूर कामयाब होंगे, ऐसा कहना है क्रिस्टन फिस्कर का.
6. क्रिस्टन फिस्कर ने बताया है कि, मैं यहाँ हाथ से खाना खाती हूँ. शुरू-शुरू में मुझे हाथ से खाना खाना बहुत मुश्किल लगता था. साथ ही, निवाला इधर-उधर लग जाता था जिससे बहुत दिक्कत होती थी. लेकिन अब मैं हाथ से ही खाना खाती हूँ और यह मुझे बहुत स्वादिष्ट भी लगता है.
7. मैं भारत आने के बाद से हिन्दी भाषा सीख रही हूँ. यहाँ, दिल्ली में हिन्दी भाषा नहीं आती तो जीना बहुत मुश्किल है. मुझे हिन्दी भाषा सीखना मुश्किल ज़रूर लगा लेकिन लगातार कोशिश करने से मैंने हिन्दी सीख ली है और अब मैं हिन्दी में बात भी कर लेती हूँ, ऐसा कहना है क्रिस्टन फिस्कर का.
8. अमेरिका की तुलना में यहाँ घर चलाने का तरीका बिलकुल अलग है. वहाँ हम किचन और घर की सफाई के लिए डिश वॉशर, ड्रायर, गार्बेज डिस्पोजल और रूम्बा का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, इंडिया में मैंने बिना मशीन के एक नए तरीके से सब काम करना सीख लिया है, ऐसा कहना है क्रिस्टन फिस्कर का.
9. अमेरिका में सब कुछ पहले से तैयार मिलता है, लोग वही पुराना खाना खाते हैं. लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. यहाँ का खाना, हेल्दी होता है और यहाँ बहुत ही ताज़ी सब्ज़ियाँ और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का इस्तेमाल किया जाता है. अमेरिका में खाना आसान, जल्दी और बिना मेहनत के तुरंत ज़रूरत के हिसाब से होता है. लेकिन, भारत में ऐसा नहीं है, यहाँ का खाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. मैं यहाँ आने के बाद से बहुत सारे स्नैक्स और खाने की चीज़ें बनाना सीख गई हूँ.
10. इतना ही नहीं, पहले तो मैं भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले टॉयलेट स्प्रे का इस्तेमाल करने से भी हिचकिचाती थी. लेकिन, अब मुझे इसकी आदत हो गई है. यह साफ, आसान और हर तरह से बेहतर तरीका है, ऐसा कहना है क्रिस्टन फिस्कर का.
कुल मिलाकर, अमेरिका से इंडिया आकर यहाँ की जीवनशैली को सीखने और उसे अपनाने के बाद क्रिस्टन फिस्कर को समझ आया है कि भारतीय पद्धति बहुत अच्छी है. और उन्होंने यह बात पूरी दुनिया को बताई है. लेकिन, यहाँ के ही कुछ लोग हमारी भारतीय पद्धति का मज़ाक उड़ाते हैं और अमेरिकन लाइफस्टाइल अपनाकर परेशान होते नज़र आते हैं.