सार
वायरल न्यूज, atul subhash suicide case bengaluru woman files domestic violence complaint । भारत में इस समय अतुल सुभाष सुसाइड केस सुर्खियों में है। महिला कानूनों को जिस बेदर्दी से गलत इस्तेमाल हो रहा है, ये केस उसकी बानगी मात्र है। देश में हजारों- लाखों शादीशुदा महिलाओं ने अपने पति और ससुराल वालों पर दहेज और घरेलू हिंसा के झूठे केस दर्ज कराए हुए हैं। ऐसा ही एक मामला कोर्ट के सामने आया, जिस पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए शिकायतकर्ता महिला की क्लास लगा दी। इसे तुच्छ मामला बताते हुए केस खारिज कर दिया है।
महिला ने दर्ज कराई थी अजीबोगरीब शिकायत
बेंगलुरु की रहने वाली एक शादीशुदा महिला ने पति के खिलाफ बेहद अजीबोगरीब शिकायत दर्ज कराई थी। महिला द्वारा अपनी शिकायत में कहा गया कि पति बिल्ली को उनसे ज्यादा प्यार करते हैं। महिला के मुताबिक उनके पति हमेशा बिल्ली के बारे में ही चिंता करते रहते हैं। वे उसकी बहुत देखभाल करते हैं, वही पत्नी की बातों को इग्नोर कर देते हैं। वहीं ये बिल्ली जब-तब उनपर हमला कर देती है। इस बिल्ली की वजह से घर में टेंशन का माहौल बना रहता है। इस बात को लेकर उन्होंने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था।
हाईकोर्ट ने मामले पर जताया आश्चर्य, पति को दी अंतरिम राहत
महिला ने अपन पति के खिलाफ 498A का मामला दर्ज कराया था। पति ने इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट की शऱण ली थी। वहीं कोर्ट ने पति और उसकी फैमिली के खिलाफ 498A के तहत दर्ज क्रूरता के मामले की जांच पर फिलहाल से रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम नागप्रसन्ना ने "तुच्छ" और कानून का दुरुपयोग बताया है। न्यायमूर्ति ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी शिकायतों की वजह से ही केसों का अंबार लगता जा रहा है। यदि इस केस की जांच आगे बढ़ती है तो पुलिस, कोर्ट, पीडि़त के परिजन सभी को अनावश्यक परेशान होना पड़ेगा। कोर्ट ने इसम मामले की जांच पर इंटरिम रिलीफ देते हुए जांच पर रोक लगा दी है।
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