सार

बांके बिहारी मंदिर में भक्तों ने एसी का पानी चरणामृत समझकर पिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में श्रद्धालु पानी को आचमन करते और सिर पर लगाते दिख रहे हैं।

वायरल न्यूज, banke bihari temple mathura vrindavan viral video । मथुरा-वृंदावन में बांके बिहारी का मंदिर बेहद फेमस है, यहां हर दिन हजारों श्रद्दालु भगवान कृष्ण के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में जगह-जगह मूर्तियां स्थापित हैं, जहां भक्त अपनी श्रद्दा से शीश नवाते हैं। वहीं कई ऐसी जगह भी हैं, जहां कोई मूर्ति नहीं है, लेकिन बावजूद इसके भक्त वहां पैर पड़ते जाते हैं, एक की देखा देखी दूसरा फिर तीसरा ऐसे तमाम लोग ऐसी जगहों पप पैर पड़कर निकल जाते हैं। श्रद्धालुओं का ऐसा मानना होता है कि वो तो अंजान हैं, अबोध हैं, किसी भी तरीके से भगवान का सानिध्य उन्हें मिलता है तो वो चूकना नहीं चाहिए, भले ही कुछ चीजों का अतिरेक ही क्यों ना हो जाए। मंदिर में ऐसी ही एक जगह है जहां हाथियों के सिर की एक रो लगी हुई है। ये मंदिर की सजावट का एक हिस्सा है।
 

चरणामृत  समझ जिसे पी रहे थे, सच्चाई सामने आई तो फटी रही गई आंंखें

@BroominsKaBaap एक्स अकाउंट पर एक क्लिप तेजी से वायरल हो रही है, इसमें हाथी की सूंड से गिर रहे पानी को भक्त भगवान का चरणामृत मानकर ग्रहण कर रहे हैं। कुछ लोग इसे हाथों से आचमन करके ग्रहण कर रहे हैं, कुछ महलाएं इसे पवित्र जलकर मानकर सिर पर धारण कर रही हैं। वहीं इस दौरान एक शख्स इन श्रद्दालुओं को बताता है कि ये कोई चरणामृत नहीं है, बल्कि इस हाथी की सूंड से एसी का गंदा पानी टपक रहा है। दरअसल मंदिर में जगह-जगह एसी लगे हैं, इसकी प्रोसेस से निकलने वाला पानी मंदिर के फर्श और छत पर एकत्रित होता रहा रहता है। फिर जहां इसे ढाल मिलती है, निकलने का रास्ता मिलता है वहां बहने लगता है। वीडियो बना रहा शख्स लोगों को आगाह करता है कि इसका आचमन करने से आप बीमार हो सकते हैं। उन्होंने स्थानीय पंडित से पूछा है तो उन्होंने बताया है कि ये कोई चरणामृत नहीं बल्कि एसी से निकलने वाला पानी है। ये बात सुनकर कुछ महिलाएं हंसने लगती है, वहीं कुछ लोग अभी भी आचमन की जगह उसे सिर पर धारण करते दिखते हैं।

 


श्रद्धा के आगे नहीं काम करता कोई तर्क 

वारयल वीडियो पर लोग खूब मजे ले रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे अंध भक्ति बता रहे हैं. वहीं कुछ ने कहा कि जहां श्रद्धा होती है, वहां फिर कोई लॉजिक कााम नहीं करता है।