कैंसर से जूझती 74 साल की दादी ने 31 किलो वजन में भी पूरे विधि-विधान से छठ पूजा की। बेटों ने आज भी मां की परंपरा को आगे बढ़ाया। यह कहानी आस्था, साहस और मातृत्व की मिसाल बनकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
छठ पूजा का पर्व सिर्फ एक आस्था नहीं, बल्कि जीवन की शक्ति का प्रतीक भी है। जब इंसान हार मान लेता है, तब ‘छठी मइया’ की भक्ति में डूबी एक बुजुर्ग महिला ने वो कर दिखाया जो आज पूरे देश को भावुक कर रहा है। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल है, जिसमें एक 74 वर्षीय दादी की अटूट श्रद्धा और साहस की कहानी सुनाई गई है, जो कैंसर से जूझते हुए, कीमोथेरेपी के दौरान भी पूरे विधि-विधान से छठ पूजा करती रहीं।
“31 किलो वज़न, कैंसर की मार, फिर भी पूरा छठ किया”
यह वीडियो इंस्टाग्राम यूजर प्रियंम गुप्ता ने शेयर किया है। उन्होंने वीडियो में बताया,
“आप जानते हैं छठ पूजा में कितनी ताकत होती है, जब 74 साल की एक औरत जो कैंसर से लड़ रही थी, उसने छठ करने का फैसला लिया। 2019 में मेरे शहर की एक दादीजी ने छठ करने की ज़िद की थी। उनका वजन सिर्फ 31 किलो था, वे कीमोथेरेपी पर थीं, लेकिन उन्होंने छठ के हर नियम को पूरे उत्साह और श्रद्धा से निभाया।”
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“वो उनका आखिरी छठ था...”
प्रियंम ने आगे बताया,
“वो छठ उनका आखिरी छठ था, लेकिन उन्होंने इसे ऐसे किया मानो खुद सूरज देवता उनके सामने हों। उनके जाने के बाद, उनके बेटों ने मां की इस परंपरा को आगे बढ़ाया। आज भी दोनों बेटे उसी श्रद्धा से छठी मइया की पूजा करते हैं, जैसे उनकी मां किया करती थीं।”
लोग बोले – ‘सुनकर रोंगटे खड़े हो गए’
वीडियो पर टेक्स्ट लिखा था — “You know Chhath Puja has real power.” पोस्ट के कैप्शन में सिर्फ एक शब्द था – “Goosebumps!” इस वीडियो ने इंटरनेट पर हजारों लोगों को भावुक कर दिया। एक यूजर ने लिखा,
“मैं बिहारी नहीं हूं, लेकिन छठ के गाने और कहानियां सुनते ही दिल रोने लगता है। सच में यह पर्व दिव्यता का एहसास कराता है।”
एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “ऐसी और कहानियां सुनाओ — मन को सुकून मिला।”
छठ पूजा: आस्था, तप और मातृत्व की मिसाल
छठ पूजा में महिलाएं कठोर व्रत रखकर सूर्य देव और छठी मइया की उपासना करती हैं। यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि परिवार और परंपरा की शक्ति का प्रतीक भी है। इस बुजुर्ग महिला की कहानी ने दिखा दिया कि जब भक्ति सच्ची हो, तो कोई बीमारी, कोई कमजोरी इंसान के हौसले को नहीं रोक सकती।
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