दिल्ली के प्रदूषण ने युवक का जीना मुहाल कर दिया है। इससे पहले कोरोनाकाल में उसकी मां, पत्नी और भैया-भाभी की मौत हो चुका है। वो खुद अस्थमा का मरीज बन गया है। शहर की खराब हवा ने उसके स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है। 

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है। इस शहर में में रोजी रोटी की तलाश के लिए हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं। यहां काम की कमी नहीं है, पैसा कमाना भी आसान है, लेकिन जिंदगी आसान नहीं। भले ही कदम- कदम पर सुविधाएं मौजूद हैं, बावजूद इसके लोगों की मुश्किलों कम होने का नाम नहीं लेती । यहां हम एक ऐसी स्टोरी आपको बता रहे हैं। जहां एक शख्स ने अपना सब कुछ गवां दिया।

linkedin पर Ravi Verma नाम के यूजर की एक पोस्ट वायरल हो रही है। जिसमें उसने बताया दिल्ली ने मेरा सब कुछ छीन लिया। अपनी ज़िंदगी के 13 साल इस गंदगी भरे शहर में बिताने के बाद आखिरकार दिल्ली छोड़ रहा हूं। यहां पिछले पांच सालों में कोविड की वजह मेरी पत्नी, भाई, भाभी और मां जैसे परिवार के सभी सदस्य चले गए। वही अब फीमरल हेड्स ( femoral heads ) में एवैस्कुलर नेक्रोसिस ( Avascular necrosis ) के कारण मुझे टोटल हिप रिप्लेसमेंट ऑपरेशन कराना पड़ेगा। बीते एक साल में polluting substances से अस्थमा भी हो गया और अब मैं इनहेलर का इस्तेमाल करता हूं।

दिल्ली के प्रदूषण ने मेरी सेहत पर गहरा असर डाला है। राजधानी में air quality index (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे अस्थमा और सांस संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों में खांसी, गले में खराश, आंखों में जलन और सांस फूलने जैसी शिकायतें आम हो गई हैं। डॉक्टर मास्क पहनने, घर में रहने और एयर प्यूरिफायर के इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं। दिल्ली-NCR में स्मॉग के कारण सांस की बीमारियां कई गुना बढ़ी हैं, और प्रदूषण के महीन कण फेफड़ों में सूजन व अस्थमा की वजह बन रहे हैं।

इस शहर में रहना अब दूभर हो गया है। प्रदूषण और संकट के बीच, मैंने यह फैसला लिया है कि लाइफ और हेल्थ के लिए जल्द ही दिल्ली छोड़ना जरूरी है। मैंने समझा कि कोई भी स्थान, व्यक्ति या चीज इस तकलीफ के लिए नहीं होती। हमें अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी होगी, डर के बजाय मजबूती से जीवन को अपनाना होगा। यह कहानी मेरे लिए एक सबक है, ताकि आप भी इससे पहले जाग जाएं जब तक यह नुकसान पहुंचा सके।